1 नवंबर 1956 को निर्मित ह्रदय प्रदेश मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस [MP FOUNDATION DAY ] पर खास लेख| जिसमें हम जानेंगे मध्य प्रदेश से जुड़े हुए तथ्यों को जीव विज्ञान के दृष्टिकोण से| इस लेख में हम जीव विज्ञान से जुडी मप्र से संबंधित बातों पर ही चर्चारत होंगे –
मध्य प्रदेश के अन्य नाम-
हृदय प्रदेश
सोया राज्य
टाइगर स्टेट
नदियों का मायका
एक नजर में मध्य प्रदेश-
- मध्य प्रदेश का गठन- 1 नवंबर 1956
- मध्य प्रदेश का नामकरण – पंडित जवाहरलाल नेहरू
- क्षेत्रफल-3, 08, 252 वर्ग किलोमीटर
- जनसंख्या-7.26 करोड़
- राजकीय खेल – मलखंब
- विधानसभा सीटें-230 और एक एंग्लो – इंडियन
- लोकसभा सीटें-29
- संभाग -10
- जिले – 52
State Symbol (मध्यप्रदेश के प्रतीक चिन्ह)
- राज्य पशु – बारासिंघा (Rucervus duvaucelii)
- राजकीय वृक्ष – बरगद ( Ficus bengalensis)
- राजकीय पक्षी- दूधराज (Terpsiphone paradisi)
- राजकीय मछली- महाशीर (Tor tor )
- राजकीय पुष्प- सफेद लिली (Lilium candidum)
- राज्य फसल – सोयाबीन
Tiger State M.P. (” टाइगर स्टेट” मध्य प्रदेश)
बाघों की जनगणना 2018 की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश एक बार पुनः टाइगर स्टेट बन गया है | वर्तमान में मध्यप्रदेश 526 बाघों के साथ देश में पहले स्थान पर है जिसमें देश के 22% बाघ पाए जाते हैं जबकि कर्नाटक 524 टाइगर के साथ दूसरे स्थान पर और उत्तराखंड 442 टाइगर के साथ तीसरे स्थान पर है | बाघों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान मध्यप्रदेश है | प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान और 25 से अधिक राष्ट्रीय अभ्यारण हैं जिनमें से 6 राष्ट्रीय उद्यान प्रोजेक्ट टाइगर से जुड़े हुए है | प्रोजेक्ट टाइगर से जुड़े हुए राष्ट्रीय उद्यानों में कान्हा टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व तथा संजय दुबरी टाइगर रिजर्व शामिल है | मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कान्हा राष्ट्रीय उद्यान है | जिसका क्षेत्रफल 940 वर्ग किलोमीटर है, वही सबसे छोटा नेशनल उद्यान जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी है | जिसका क्षेत्रफल मात्र 0.27 वर्ग किलोमीटर है | जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान एशिया का प्रथम तथा विश्व का दूसरा जीवाश्म उद्यान है | कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जिसे शुभंकर प्रदान किया गया है |
- सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला
- मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी
- सर्वाधिक बाघ जनसंख्या घनत्व वाला राष्ट्रीय उद्यान- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
- एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान जिसे शुभंकर प्रदान किया गया है – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत घोषित किए गए देश के सर्वप्रथम 9
टाइगर रिजर्व में कान्हा टाइगर रिजर्व प्रदेश का एकमात्र टाइगर रिजर्व था | - मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में सर्वाधिक संख्या में पाए जाने वाला वन्यजीव चीतल है |
- राज्य का सबसे बड़ा अभ्यारण नौरादेही अभ्यारण सागर है जिसका क्षेत्रफल 1034.52 वर्ग किलोमीटर है |
- मध्य प्रदेश का सबसे छोटा अभ्यारण रालामंडल इंदौर में है इसका क्षेत्रफल 2.345 वर्ग किलोमीटर है |
- सरदारपुर और सैलाना अभ्यारण खरमोर पक्षी के लिए प्रसिद्ध है|
- सोन चिरैया के संरक्षण के लिए करेरा अभ्यारण शिवपुरी व घाटीगांव अभ्यारण ग्वालियर प्रसिद्ध है|
- मध्यप्रदेश में घड़ियाल संरक्षण के लिए नेशनल चंबल घड़ियाल अभ्यारण मुरैना, सोन घड़ियाल अभ्यारण सीधी और केन घड़ियाल अभ्यारण छतरपुर है |
- मध्य प्रदेश का रेप्टाइल पार्क – पन्ना
- मध्य प्रदेश का प्रथम सर्प उद्यान- वन विहार भोपाल
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल ISO 9001 : 2008 अवार्ड पाने वाला देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान है |
- मध्य प्रदेश में देश के सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य है |
- वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में खोला गया है |
Biosphere Reserve of M.P. (मध्य प्रदेश के बायोस्फीयर रिजर्व)
मध्य प्रदेश में कुल 3 बायोस्फीयर रिजर्व हैं जिनमें पचमढ़ी, achanakmar-amarkantak तथा पन्ना है | मई 2009 में पचमढ़ी को यूनेस्को की बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया था | यह मध्य प्रदेश का एकमात्र यूनेस्को में शामिल बायोस्फीयर रिजर्व है |
पचमढ़ी( होशंगाबाद तथा सतपुड़ा उद्यान) के 4926.28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को सन 1999 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया | इसके पश्चात अचानकमार – अमरकंटक ( अनूपपुर, डिंडोरी व छत्तीसगढ़ का बिलासपुर ) मैकाल पहाड़ी स्थित 3835.5 वर्ग किलोमीटर को 2005 में तथा पन्ना रिजर्व क्षेत्र के 2998.98 वर्ग किलोमीटर को 2011 में भारतीय जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है|
- भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा मध्य प्रदेश के कान्हा बांधवगढ़ तथा पेंच को जैव आरक्षित क्षेत्र बनाए जाने के प्रस्ताव भेजा गया है |
Biodiversity of M.P. (मध्य प्रदेश की जैव विविधता )
मध्यप्रदेश देश के मध्य भाग में स्थित है और जैव विविधता के दो हॉटस्पॉट पूर्वी हिमालय एवं पश्चिमी घाट को जोड़ने वाला रास्ता मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है | इस भौगोलिक स्थिति के कारण प्रदेश जैव विविधता में हिमालय एवं पश्चिमी घाट की जैव विविधता की झलक देखने को मिलती है |
- राज्य में 4 तरह के प्रमुख जंगल ( साल, सागौन मिश्रित एवं कटीले वन), 10 राष्ट्रीय उद्यान, 25 अभ्यारण के कारण ही इसे टाइगर स्टेट कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ है |
- राज्य में लगभग 5000 तरह के पौधे है, जिनमें से सैकड़ों औषधि युक्त पौधे है |
- मध्य प्रदेश में लगभग 500 पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है |
- भारत के प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 172 किस्म की मछलियां हैं |
- नूरजहां आम की विशेष प्रजाति कट्ठीवाड़ा जिला अलीराजपुर में उगाई जाती है इस आम का फल 1 किलोग्राम से 5 किलोग्राम तक होता है |
- सुंदर जा आम की स्थानी किस में रीवा जिले के गोविंदगढ़ क्षेत्र में पाई जाती है जो अपनी विशिष्ट खुशबू एवं स्वाद के लिए जानी जाती है |
- बड़वानी का लाल पपीता, बुंदेलखंड के बेर, गुना एवं ग्वालियर क्षेत्र का कुंभराज धनिया भी स्थानीय विशेषताएं युक्त है |
- कड़कनाथ या काला मासी झाबुआ अलीराजपुर धार जिले में पाई जाने वाली मुर्गी की स्थानीय नस्ल है जो अपने काले रंग एवं औषधि गुणों के लिए जानी जाती है |
- गाय की स्थानीय किस्मों में मालवी जो उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, निमाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है वहीं पर गोआलो छिंदवाड़ा एवं केनकथा पन्ना जिले में पाई जाने वाली नस्लें है |
- भदावरी ग्वालियर क्षेत्र में पाई जाने वाली भैंस की किस्म है, जिसके दूध में वसा की सर्वाधिक मात्रा पाई जाती है |
- जमुनापारी भिण्ड में पाई जाने वाली बकरी की स्थानीय नस्ल है |
- मालवी मंदसौर ऊंट की स्थानीय नस्ल है |
- मध्यप्रदेश वन्यजीवों की जैव विविधता के लिए भी जाना जाता है जिसमें गौर मध्य प्रदेश के कान्हा पेंच में पाया जाता है | वहीं पर बारहसिंघा केवल मध्यप्रदेश के कान्हा में ही पाया जाता है |
Soyabeen Pradesh ( “सोयाबीन प्रदेश” मध्य प्रदेश )
मध्य प्रदेश में सोयाबीन खरीफ की एक प्रमुख फसल है जिस की खेती लगभग 53.00 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है | सोयाबीन मध्यप्रदेश की प्रमुख तिलहनी फसल है | भारत के लगभग 60% से भी ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन अकेले मध्यप्रदेश में होता है | सर्वाधिक बड़ा उत्पादक राज्य होने के कारण ही इसे “सोया स्टेट” के नाम से भी जाना जाता है |
- देश का सर्वाधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में उत्पादित होता है |
- मध्य प्रदेश राज्य में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन उज्जैन जिले में किया जाता है |
- मध्य प्रदेश का सोयाबीन का कारखाना सिवनी मालवा में है |
- राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र इंदौर में है |
- एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन कारखाना उज्जैन में है |
सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला राज्य-
भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 30 दिसंबर 2019 को जारी की गई इसमें भारत के वन संसाधनों का आकलन किया गया | यह वन रिपोर्ट इस श्रंखला की 16वी रिपोर्ट है | भारतीय वन रिपोर्ट, भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष पर तैयार की जाती है और यह रिपोर्ट वर्ष 1987 से लगातार प्रकाशित की जा रही है यह रिपोर्ट रिसोर्ससेट-2 उपग्रह के संवेदी आंकड़ों पर आधारित होती है |
देश में सबसे अधिक वनों के क्षेत्रफल वाले राज्य में मध्य प्रदेश 77, 482 वर्ग किलोमीटर वन के साथ प्रथम स्थान पर है | प्रतिशतता के आधार पर यह कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 25.11% है | मध्यप्रदेश में 6563 वर्ग किलोमीटर सघन वन, 34, 571 वर्ग किलोमीटर मध्यम घने वन तथा 36280 वर्ग किलोमीटर में खुले वन हैं |
- भारत में सर्वाधिक वन पाया जाने वाला प्रदेश मध्य प्रदेश है |
- वनों का पूर्ण राष्ट्रीयकरण करने वाला देश का प्रथम राज्य मध्यप्रदेश है|
- सर्वाधिक वन वृक्ष सागौन है | इसके पश्चात साल के वृक्ष आते है |
- भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल
- मध्यप्रदेश वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर
- वनों का शत-प्रतिशत राष्ट्रीयकरण करने वाला देश का प्रथम राज्य मध्यप्रदेश है |
- वनों का राष्ट्रीयकरण वर्ष 1970 में किया गया |
- मध्यप्रदेश में रेंजर कॉलेज बालाघाट में स्थित है |
- इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल में स्थित है |
- सर्वाधिक आरक्षित वन खंडवा वन वृत में है |
- सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला बालाघाट है जबकि सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला शाजापुर है|
- राज्य के प्रमुख वन संस्थान
1.भारतीय वन प्रबंधन संस्थान – भोपाल
2.भारतीय वन अनुसंधान संस्थान – जबलपुर
3.वन राजिक महाविद्यालय – बालाघाट
4.वन प्रबंधन शिक्षा केंद्र – बेतूल
5.संजीवनी संस्थान – भोपाल
6.फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग स्कूल – बैतूल, रीवा, शिवपुरी, अमरकंटक, लखनादौन
7.प्रादेशिक वन स्कूल – बैतूल, शिवपुरी, अमरकंटक, गोविंदपुर, झाबुआ
मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्र एवं प्रशिक्षण संस्थान
- मध्य प्रदेश गेहूं अनुसंधान केंद्र – पवारखेड़ा जबलपुर
- राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र इंदौर
- अंगूर अनुसंधान केंद्र रतलाम
- मध्य प्रदेश धान अनुसंधान केंद्र बड़वानी
- फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री सागर
- तुलसी शोध संस्थान चित्रकूट सतना
- कपास अनुसंधान केंद्र खरगोन
- अंतर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं अनुसंधान केंद्र खमरिया जबलपुर
- केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान- भोपाल
- उष्णकटिबंधीय वन संस्थान – जबलपुर
- आम अनुसंधान केंद्र गोविंदगढ़, रीवा
- जीव विज्ञान संस्थान भोजराज, रायसेन
- गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी, नरसिंहपुर
- दलहन अनुसंधान केंद्र, अमलाह
Other Importent Fact of M.P.
( अन्य प्रमुख जानकारियां )
- मध्य प्रदेश का एकमात्र गांजा उत्पादक जिला- खंडवा
- प्रदेश का अफीम उत्पादक जिला – मंदसौर
- राज्य का पहला पर्यावरण न्यायालय – भोपाल
- प्रदेश की प्रथम डीएनए प्रयोगशाला – सागर
- प्रदेश का पहला अंगूर अनुसंधान केंद्र – रतलाम
- प्रदेश की प्रथम झींगा मछली संरक्षण केंद्र बालाघाट जिले में स्थापित की गई |
- देश में सर्वाधिक जैविक खेती करने वाला राज्य मध्यप्रदेश है |
- देश की पहली खाद्य एवं औषधि हाइटेक लेब भोपाल मध्य प्रदेश में है |
- देश का पहला मसाला पार्क छिंदवाड़ा में |
- भारत का सबसे बड़ा गुलाब उद्यान मेघदूत गार्डन इंदौर में है |
- देश की एकमात्र चाय अकादमी भोपाल में है |
- मध्य प्रदेश का लाख उत्पादन में देश में प्रथम स्थान है |
सारांश –
उम्मीद करूंगा कि उपरोक्त दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी | विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण जानकारी है | अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर दें|
Source:-
1.https://mpforest.gov.in
2.https://mpinfo.org
3. www.mpsbb.nic.in
4.भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019