Cell Cycle and Cell Division (Short Notes)
( कोशिका चक्र तथा कोशिका विभाजन )
Cell Cycle and Cell Division के short notes कक्षा ग्यारहवीं के छात्रों के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे – NEET ,PAT , GNTS , SSC आदि की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होंगे |
- कोशिका विभाजन की अवधारणा को देने रुडोल्फ विरचोव (Rudolf Virchow ,1858 ) को जाता है क्योंकि उन्होंने ही कहा था कि ” कोशिकाएं ही कोशिकाओं की जनक होती है ” (Omnis cellula -e-cellula ) दूसरे शब्दों में सभी कोशिकाएं पहले से उपस्थित कोशिकाओं से उत्पन्न होती है |
- कोशिका चक्र आनुवांशिक रूप से नियंत्रित उन सभी क्रमिक अवस्थाओं का योग है जिसके अंतर्गत कोशिका अपने जीनोम तथा कोशिकाओं का द्विगुणन करती है एवं जिसके फलस्वरूप पुत्री कोशिकाओं का निर्माण होता है |
- कोशिका चक्र का विस्तृत विश्लेषण हावर्ड एवं पेल्क (1953 ) के द्वारा किया गया |
- कोशिका चक्र 2 प्रावस्था में पूर्ण होता है – अंतरावस्था तथा M – प्रावस्था | अंतरावस्था के अंतर्गत G1, S, G2 प्रावस्था आती है |
5.G1, S, G2 तथा M – प्रावस्था को एक साथ मिलाकर इसी क्रम में कोशिका चक्र निरूपित किया जाता है | - अंतरावस्था एक अत्यंत सक्रिय अवस्था होती है जिस में नवनिर्मित कोशिकाएं विभाजन के लिए तैयारी करती है यहां दो क्रमिक विभाजनों के मध्य की अवस्था होती है |
- G1 प्रावस्था में RNA का निर्माण तथा DNA संश्लेषण हेतु आवश्यक सामग्री एवं एंजाइमों का ही निर्माण होता है | कोशिका कोशिका चक्र के समय का 30 से 40% समय इसी में व्यतीत करती है |
- G1 प्रावस्था में ही तय होता है कि कोशिका आगे विभाजन करेगी या नहीं करेगी | यदि कोशिका आगे विभाजन नहीं करती है तब ऐसी अवस्था को G0 अवस्था माना जाता है | अर्थात सभी और अविभाजनशील कोशिकाएं G0 अवस्था में ही मानी जाती है |
- S प्रावस्था में गुणसूत्रों एवं DNA का द्विगुणन होता है गुणसूत्रों के निर्माणकारी पदार्थों DNA एवं हिस्टोन प्रोटीन का निर्माण होता है अतः इसे निर्माण कार्य प्रावस्था भी कहते हैं | यहां कुल कोशिका चक्र के 30 से 50% समय में संपन्न होती है |
- G2 प्रावस्था में कोशिका के समस्त कोशिकांगो जैसे क्लोरोप्लास्ट, माइटोकांड्रिया एन्डोप्लास्मिक रेटिकुलम , गॉल्जीकाय आदि का निर्माण होने के साथ-साथ r-RNA एवं m-RNA का भी निर्माण होता है | यह कुल कोशिका विभाजन का 10 से 20% समय में संपन्न होती है |
- अंतरावस्था को ऊर्जा प्रावस्था भी कहते हैं क्योंकि यह कोशिका चक्र की सबसे सक्रिय अवस्था को सूचित करता है |
- M- प्रावस्था कोशिका चक्र की वह अवस्था होती है जिसमें कोशिका के केंद्रक तथा कोशिकाद्रव्य का विभाजन होता है तथा अंततः पुत्री कोशिकाएं बनती है |
- कोशिका विभाजन को निम्नलिखित तीन प्रकारों में बांटा गया है –
A. असूत्री कोशिका विभाजन
B. समसूत्री कोशिका विभाजन
C. अर्धसूत्री कोशिका विभाजन - असूत्री कोशिका विभाजन की खोज का श्रेय रैमेक 1841 को जाता है यह विभाजन कुछ शैवालों ,कवकों तथा प्रोटोजोअन्स आदि में पाया जाता है इसे द्विविखंडन भी कहते हैं |
- असूत्री कोशिका विभाजन मे सर्वप्रथम केंद्रक आकार में लंबा होकर डमरुनुमा हो जाता है तथा मध्य भाग संकुचित होते-होते दो पुत्री केंद्रको में बट जाता है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन ऐसा कोशिका विभाजन होता है जिसमें गुणसूत्र के द्विगुणन के पश्चात केंद्र का विभाजन इस प्रकार होता है कि प्रत्येक पुत्री कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मात्र कोशिका में उपस्थित गुणसूत्रों की संख्या के बराबर होती है |
- सर्वप्रथम डब्लू फ्लेमिंग ने जंतु कोशिका के केंद्रक विभाजन का अध्ययन किया था उन्होंने समसूत्री विभाजन शब्द का प्रयोग किया |
- पौधों में समसूत्री कोशिका विभाजन की खोज का श्रेय स्ट्रासबर्गर 1870 को जाता है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन का कायिक कोशिकाओं में होता है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन उत्तक वृद्धि तथा शारीरिक वृद्धि में सहायक है इसके कारण घाव भरता है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन के कारण जनक कोशिका एक समान दो कोशिकाएं बनाती है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन मे जीन विनिमय नहीं होता है |
- इसमें संतति कोशिका की संरचना जनक कोशिका के समान होती है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन के कारण अानुवांशिक समानता बनी रहती है यानी पुत्री कोशिका तथा पितृ कोशिका की अानुवांशिक रचना में कोई अंतर नहीं होता है |
- समसूत्री कोशिका विभाजन दो अवस्था में पूर्ण होता है
अंतरावस्था तथा M प्रावस्था - समसूत्री कोशिका विभाजन की M प्रावस्था में भी दो प्रावस्था होती है केरियोकेनेसिस तथा साइटोकाइनेसिस
- केंद्रक के विभाजन को कैरियोकाइनेसिस कहते हैं – यहां चार उपावस्था में पूर्ण होता है
a. प्रोफेज
b. मेटाफेज
c. एनाफेज
d.टिलोफेज - साइटोकिनिन नामक हार्मोन विभाजन की क्रिया को तीव्र करता है |
- अंतर अवस्था कोशिका चक्र की सबसे लंबी अवधि की अवस्था होती है |
- एस्ट्रेल किरणों का उद्भव कोशिका द्वारा, तर्कु तंतुओं का उद्भव केंद्रीयीय पदार्थ के द्वारा होता है |
- पादपों में कोशिका द्रव्य विभाजन कोशिका प्लेट निर्माण विधि द्वारा व जंतुओं में विदलन खाँच द्वारा होता है |
- यदि विभाजन के दौरान केंद्रक झिल्ली विलुप्त नहीं होती है तो इसे क्रिप्टोमाइटोसिस कहते हैं |
उदाहरण – अमीबा में द्विविखंडन | - अर्धसूत्री कोशिका विभाजन वह कोशिका विभाजन होता है जिसमें कोशिका द्रव्य एवं केंदक ्र का विभाजन दो बार तथा गुणसूत्रों का विभाजन सिर्फ एक बार होता है तथा जिसमें पैतृक कोशिका से अगुणित संख्या वाले गुणसूत्र युक्त चार पुत्री कोशिकाओं का निर्माण होता है |
- दूसरे शब्दों में अर्धसूत्री कोशिका विभाजन वह कोशिका विभाजन है जिसमें बनने वाली नई कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या जनक कोशिका की आधी होती है |
- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन जनन कोशिकाओं में होता है |
- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन को सर्वप्रथम वीजमेन ने देखा था |
- स्ट्रासबर्गर ((1888) ने सर्वप्रथम पादप कोशिकाओं में अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का अध्ययन किया |
- फार्मर एवं मुरे ने सर्वप्रथम इसके लिए meiosis शब्द का उपयोग किया |
- अर्धसूत्री विभाजन के फल स्वरुप बनने वाली कोशिकाएं गणित होती हैं तथा इन में गुणसूत्रों की संख्या माता-पिता की आधी होती है |
- अर्ध सूत्री विभाजन में ही जीन विनिमय की क्रिया होती है |
- जीन विनिमय की क्रिया pechytene अवस्था में होती है |
- अर्धसूत्री विभाजन के कारण ही नए-नए संयोजित लक्षण अर्थात भिन्नता युक्त संतति बनते है |
- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन नई प्रजातियों के विकास के लिए आवश्यक होता है |
- पूर्वा अवस्था I लंबे अंतराल की व जटिल प्रावस्था है |
- Leptotene अवस्था में गुणसूत्र विन्यास होकर बुके का निर्माण करते है |
- जाईगोटिन प्रावस्था में समजात गुणसूत्रों का युग्मन होता है , जिसे सिनॉप्सिस कहते हैं |
- समजात गुणसूत्रों के एक जोड़े को बाईवैलेंट कहते हैं जिसमें क्रोमेटीेड पाए जाते हैं अतः इसे टेट्रोड कहते हैं |
- डिप्लोटीन अवस्था में कि कियाज्मेटा निर्माण हुआ टर्मिनलाइजेशन होता है |
- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन निषेचन की प्रक्रिया के लिए पहली आवश्यकता है |
- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन II की अनुपस्थिति वाले और अर्धसूत्री कोशिका विभाजन को brachymeiosis कहते हैं |
- इंटरफ़ेज कोशिका चक्र की सबसे लंबी अवस्था होती है इंटरफ़ेज की G1 अवस्था सबसे बड़ी प्रावस्था मानी जाती है |
- प्रोफेज , विभाजन अवस्था (m- phase ) की सबसे लंबी अवस्था मानी जाती है |
- एनाफेज सबसे छोटी अवस्था होती है |
- मेटाफ़ेज़ अवस्था में स्थित गुणसूत्र सबसे मोटे तथा छोटे एवं सुस्पष्ट होते हैं इसलिए यह आकारिकी रूप में अध्ययन करने हेतु सबसे योग्य माने जाते है |
- अर्धसूत्री विभाजन के कारण ही सभी जीवो में पीढ़ी दर पीढ़ी गुणसूत्रों की संख्या एक समान बनी रहती है |
- कोशिका विभाजन के समय तर्कु तंतु , गुणसूत्रों की गति को नियंत्रित करते हैं |
- जीवाणु कोशिका का कोशिका चक्र 20 मिनट में , उपकला उत्तक का 8 से 10 घंटे में तथा प्याज के जड़ की कोशिका का 20 घंटे में पूरा होता है |
- कुछ कोशिकाएं जैसे तंत्रिका कोशिका कभी भी विभाजित नहीं होती है |
- सामान्य परिस्थितियों में एक कोशिका 20 से 25 घंटे में अपना कोशिका चक्र पूरा कर लेती है |
- कोशिका विभाजन का अध्ययन करने के लिए मध्या अवस्था सबसे अच्छी अवस्था मानी जाती है |
- उच्च वर्गीय पौधों में कोशिका विभाजन की क्रिया साइटोकायनिन नाम तथा ऑक्सिन नामक पादप हार्मोन की सक्रियता से नियंत्रित होती है |
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
Question – संतान में भिन्नता का विकास किस प्रकार के विभाजन के कारण होता है?
Ans- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन
Question – सिनोप्सिस की क्रिया किस अवस्था में पूर्ण होती है?
Ans- जाइगोटिन
Question – क्रॉसिंग ओवर की क्रिया किस अवस्था में होती है?
Ans- pachytene
Question – समसूत्री कोशिका विभाजन किस प्रकार की कोशिकाओं में होता है?
Ans- कायिक कोशिकाओं में
Question – युग्मक का निर्माण किस प्रकार के विभाजन से होता है?
Ans- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन से
Question – कोशिका चक्र के किस अवस्था में DNA का द्विगुणन होता है?
Ans- S – प्रावस्था
Question – पादप कोशिकाओं में साइटोकायनिन की क्रिया किस विधि से होती है ?
Ans- कोशिका प्लेट विधि
Question – कोशिका का निर्माण पूर्ववर्ती कोशिकाओं से हुआ है यह कथन किसका है?
Ans- रुडोल्फ विरचौ (1855)
Question – प्रत्यक्ष कोशिका विभाजन किसे कहा जाता है ?
Ans- असूत्री कोशिका विभाजन
Question – किस प्रकार का कोशिका विभाजन घाव को भरने की क्रिया में मदद करता है?
Ans- समसूत्री कोशिका विभाजन
My Point –
उम्मीद करता हूं ” Cell Cycle and Cell Division ” के short notes तथा उनसे संबंधित प्रश्न आपको पसंद आएंगे | बहुत से महत्वपूर्ण पॉइंट छूट गए हैं जिन्हे समय-समय पर update किया जाएगा | यदि आपको यह लेख पसंद आए तथा आपके कोई सुधार संबंधी सुझाव हो तो जरूर कमेंट बॉक्स में लिखें |