मत्स्य (Pisces ) =
” मत्स्य वर्ग के अंतर्गत उन जलीय जीवो को शामिल किया जाता है जिनका शरीर धारा रेखित होता है , तथा जिसका शरीर शल्को के द्वारा ढका होता है , जिनमें श्वसन के लिए gills , तैरने के लिए fins तथा संवेदनाओं को ग्रहण करने के लिए वार्बलर्स पाए जाते है |”
उपास्थिल एवं अस्थिल मछलियों के बीच अंतर –
मछली को उन में पाए जाने वाले अंतः कंकाल के आधार पर दो समूह में वर्गीकृत किया जा सकता है –
- उपास्थिल मछलियां (Cartilegenous Fish )
- अस्थिल मछलियां (Bony Fish )
उपास्थिल मछलियां ( Cartilegenous Fish ) | अस्थिल मछलियां ( Bony Fish ) |
1. अंतः कंकाल उपास्थि का बना होता है | | अंतः कंकाल अस्थि का बना होता है | |
2. उपास्थिमय मछलियां मुख्यता समुद्र में पायी जाती है | | अस्थिल मछलियां समुद्र के अलावा स्वच्छ जल में भी पाई जाती है | |
3. शरीर में एक ही प्रकार के शल्क (Placoid ) पाए जाते हैं | | शरीर में अलग-अलग प्रकार के शल्क पाए जाते हैं | जैसे – Cycloid ,Ctenoids, Ganoids etc . |
4. Gills- 5-7 जोड़ी होते है | | Gills- 4 जोड़ी होते है | |
5. गिल्स आवरण विहीन होते हैं | | गिल्स आवरणयुक्त होते हैं | |
6. मुख अधरतल पर होता है | | मुख दूरस्थ सिरे पर होता है | |
उदाहरण के लिए – शार्क , Rays Electric Rays etc . अस्थिल मछलियां (Bony Fish ) | उदाहरण के लिए – रोहू , कतला , मृगल आदि |