Sexual Dimorphism In Animals

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SEXUAL DIMORPHISM IN ANIMALS

लैंगिक द्विरूपता (Sexual Dimorphism )

जब एक ही जाति के जीव जब दो रूपों में पाए जाते हैं तो इस गुण को द्विरूपता (Dimorphism ) कहते हैं, अगर यह द्विरूपता लिंग से जुड़ी हुई हो तो इसे लैंगिक द्विरूपता (Sexual Dimorphism ) कहते हैं |
प्राय सभी विकसित जीवों में लैंगिक द्विरूपता पाई जाती है | एक ही जाति के जीवों में यह विविधता उनकी विकासात्मक अवस्था, व्यवहार और आकार में हो सकती है | कभी-कभी एक ही जाति के नर और मादा में पर्याप्त अंतर पाया जाता है जैसे स्वयं मनुष्य, मोर तथा मोरनी, मुर्गा और मुर्गी, शेर तथा शेरनी और पपीते के नर तथा मादा पौधे में |

परिभाषा (Defination )-

” एक ही जाति में नर और मादा में पाए जाने वाले अंतर को लैंगिक द्विरूपता कहते हैं | “

उदाहरण (Example )-

  1. मोर तथा मोरनी – मोर चमकीले रंग का होता है तथा उसके सिर पर एक कलंगी (Crest ) पाया जाता है तथा उसकी पूंछ लंबी व दोलन करने वाली होती है | जबकि मोरनी का रंग हल्का होता है उसके सिर पर कलंगी (Crest ) का अभाव होता है तथा उसकी पूंछ छोटी होती है |
sexual dimorphism in peacock and peafowel (SOURCE OF IMAGE GOOGLE)

2. शेर और शेरनी – शेर बड़े और भारी होते हैं जिनकी लंबाई 250 सेंटीमीटर और शरीर का वजन 250 किलोग्राम तक पहुंच जाता है। नर में गर्दन के चारों ओर लंबे बालों का गुच्छा होता है जिसे आयल कहा जाता है |
शेरनी छोटी होती है जिसकी लंबाई 140 से 175 सेंटीमीटर और शरीर का वजन 190 किलोग्राम होता है। शरीर पतला होता है गर्दन के चारों ओर अयाल नहीं पाया जाता है |

SEXUAL DIMORPHISM IN LION AND LIONESS

3. लैंगिक द्विरूपता का परिचित उदाहरण बोनेलिया विरिडिस(Bonellia viridis) नामक एक समुद्री कृमि है। इसकी मादा हरे रंग की तथा आकृति में बेर जैसी होती है। समुद्र के तल में पत्थरों के नीचे या उनके छिद्रों में, यह कृमि निवास करता है। वहीं से अपनी द्विशाखित (bifurcated) शुंड (proboscis) को बाहर लहराते हुए यह जीव आहार ढूँढता रहता है। नर कृमि अत्यंत सूक्ष्म होता है और जननांगों के अतिरिक्त इसके अन्य सभी अंगों का ह्रास हो गया होता है। मादा के शरीर के भीतर नर कृमि परोपजीवी की भाँति रहता है। निषेचित अंडाशय विकसित होकर जल में स्वतंत्र रूप से तैरते हुए लार्वा की भाँति होते हैं। यदि कोई लार्वा समुद्रतल में बैठ जाता है, अथवा किसी मादा के शुंड में पहुँच नहीं पाता है, तो वह मादा के रूप में विकसित होने लगता है। किंतु यदि किसी प्रकार वह मादा के शुंड में आकर्शित होकर पहुँच जाता है, तो वह नर के रूप में विकसित होता है। मादा के शुंड में बंदी बौना नर, सरकते हुए उसे मुँह में तथा वहाँ से भी धीरे धीरे नीचे सरकते हुए मादा की जनन नलिका में पहुँचकर, डिंबाशयों को निषेचित करता है। निषेचित अंडाशय पुन: जल में त्याग दिए जाते हैं और स्वतंत्र रूप से लार्वा की भाँति तैरने लग जाते हैं।

SEXUAL DIMORPHISM IN BONELLIA

IMPORTANCE-

1.जैव विकास की दृष्टि से लैंगिक द्विरूपता का पाया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके द्वारा नर और मादा को आसानी के साथ पहचाना जा सकता है |

  1. मादा को अपने लिए साथी का चुनाव करते समय बहुत से नरों में से योग्य नर की पहचान करने में आसानी होती है |
  2. नरो के बीच में आपसी प्रतिस्पर्धा करने में बड़ा आकार, चटक रंग तथा अन्य विविधता उन्हें अपने को श्रेष्ठ साबित करने में मदद करती है

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