National Park of MP

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National Park of MP ( मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान )

NATIONAL PARK OF MP
NATIONAL PARK OF MP

मध्य प्रदेश जिसे हृदय प्रदेश भी कहा जाता है ,जैव विविधता की दृष्टि से काफी संपन्न राज्यों की श्रेणी में आता है | यहां के जंगल इसे एक श्रेष्ठ राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं मध्य प्रदेश भारत का सर्वाधिक नेशनल पार्क वाला राज्य है 2021 के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 12 नेशनल पार्क है अनेक वेबसाइट में केवल 11 नेशनल पार्क बताए जाते हैं |

मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारिया इस लेख में प्रस्तुत है –

मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान तथा उनसे जुड़ी हुई  रोचक बात-

  • मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के नाम से भी जाना जाता है ।
  • मध्य प्रदेश में कुल राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या 12 है |
  • मध्य प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) हैं। 2018 में श्योपुर जिले में स्थित कूनो पालपुर अभ्यारण्य को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया गया है।
  • मध्य प्रदेश भारत में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान वाला राज्य है ।
  • मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बाघ  कान्हा  राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं ।
  • बाघों का सर्वाधिक घनत्व बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हैं |
  • मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य में चीतल सर्वाधिक संख्या में पाए जाने वाला जानवर है।
  • मध्य प्रदेश के रीवा को सफेद शेरों की जन्म भूमि कहा जाता है|
  • मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा नेशनल पार्क कान्हा राष्ट्रीय उद्यान है,  जबकि सबसे छोटा नेशनल पार्क जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी है|
  • मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान शुरू से ही मनोरंजन का केंद्र रहा है। यह सफेद बाघो के लिए भी जाना जाता है ।
  •  टाइगर प्रोजेक्ट का आरंभ सर्वप्रथम मध्यप्रदेश के कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से  हुआ है |
  • कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का पहला बाघ परियोजना में शामिल राष्ट्रीय उद्यान है ।
  • मध्यप्रदेश में दुर्लभ प्रजाति बैटरी का बारहसिंघा प्रदेश के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली में पाया जाता है |
  •  सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली है |
  • मध्य प्रदेश के छह राष्ट्रीय उद्यान प्रोजेक्ट टाइगर योजना में शामिल हैं।
क्रमांकटाइगर रिजर्व मे शामिल राष्ट्रीय उद्यान का नाम
1.कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
2.बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
3.पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
4.पेंच राष्ट्रीय उद्यान
5.सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
6.संजय राष्ट्रीय उद्यान
टाइगर रिजर्व मे शामिल राष्ट्रीय उद्यान का नाम
  • कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में अमेरिका का नेशनल पार्क  ” पार्क इंटरप्रिटेशन योजना ” लागू की गई है|
  • वन्य प्राणी संरक्षण के लिए कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है ।
  •  मध्य प्रदेश के कान्हा किसली तथा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान जंगल गलियारा योजना के तहत जोड़ने का प्रस्ताव है ।
  • भोपाल का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एक अनोखा राष्ट्रीय उद्यान है जिसे आधुनिक चिड़ियाघर के रूप में मान्यता प्राप्त है |
  •  मध्य प्रदेश का पेंच राष्ट्रीय उद्यान इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है ।
  • माधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी में एक पहाड़ी के शिखर पर जॉर्ज कैसल नामक एक भव्य भवन बना हुआ है।

1.बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश

  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है।
  • यहां बाघ आसानी से देखा जा सकता है। 
  • सर्वाधिक बाघ जनसंख्या घनत्व बांधवगढ़ नेशनल पार्क का है |
  • यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है।
  • खजुराहो से बांधवगढ़ के बीच 237 किलोमीटर की दूरी है। दोनों स्थानों के बीच केन नदी के कुछ हिस्सों को क्रोकोडाइल रिजर्व घोषित किया गया है।
  • बांधवगढ़ की पहाड़ी पर 2 हजार वर्ष पुराना किला बना है।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क में भगवान विष्णु की सोई हुई प्रतिमा है जिसे शेष शैय्या  के नाम से जाना जाता है |
  • बांधवगढ़ पहाड़ी का नाम है और इसी के नाम के आधार पर इस नेशनल पार्क का नाम पड़ा है |

2.कान्हा नेशनल पार्क मंडला – बालाघाट

  • कान्हा शब्द कनहार से बना है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ चिकनी मिट्टी है। यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम से ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा। इसके अलावा एक स्थानीय मान्यता यह रही है कि जंगल के समीप गांव में एक सिद्ध पुरुष रहते थे। जिनका नाम कान्वा था। कहा जाता है कि उन्हीं के नाम पर कान्हा नाम पड़ा।
  • कान्हा को 1933 में अभयारण्य के तौर पर स्थापित कर दिया गया और इसे 1955 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। 
  • जीव जन्तुओं का यह पार्क 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की भी प्रेरणा इसी स्थान से ली गई थी। 
  • यह राष्ट्रीय पार्क 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र घोड़े के पैरों के आकार का है । 
  •  यह हरित क्षेत्र सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इन पहाड़ियों की ऊंचाई 450 से 900 मीटर तक है।
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जिसे शुभंकर प्रदान किया गया| 
  •  इसके अन्तर्गत बंजर और हेलन की घाटियां आती हैं जिन्हें पहले मध्य भारत का प्रिन्सेस क्षेत्र कहा जाता था। 
  • आगंतुकों के केंद्र के नजदीक साल के पेड़ों के दो विशाल ठूठों को देखा जा सकता है। इन ठूठों की प्रतिदिन जंगल में पूजा की जाती है। इन्हें राजा-रानी नाम से जाना जाता है। राजा रानी नाम का यह पेड़ 2000 के बाद ठूठ में तब्दील हो गया था । 
  • नेशनल ज्योग्राफी चैनल के लिए एक फिल्म बना रहे स्टेनली ब्रीडन और बेलिंडा राईट को यह पार्क इतना भाया कि उन्होंने “लैंड ऑफ़ दि टाइगर्स” नामक फिल्म की शूटिंग यहीं की। 

3.पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (Panna National Park)

  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (Panna National Park) भारत में मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। 
  • 1981 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया इस उद्यान का क्षेत्रफल 542.67 वर्ग किलोमीटर है। 
  • 25 अगस्त 2011 को बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था। 
  • पन्ना को 2007 में भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ रखरखाव वाले राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया गया था। 
  • केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपना अधिकांश समय पन्ना में बिताया था। 
  • यहां पाए जाने वाले जानवरों में बाघ, तेंदुआ, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, सांभर और भालू हैं। यह उद्यान 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का घर है, जिनमें लाल सिर वाला गिद्ध, बार-हेडेड हंस, हनी बुज़ार्ड और भारतीय गिद्ध शामिल हैं। इस उद्यान में गिद्ध की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को 1994/95 में भारत के टाइगर रिजर्व में से एक घोषित किया गया और प्रोजेक्ट टाइगर के संरक्षण में रखा गया। 
  • पन्ना में बाघों की आबादी में कई बार गिरावट दर्ज की गई है।
  • पन्ना भारत का बाइसवाँ बाघ अभयारण्य है और मध्यप्रदेश का पाँचवाँ।

4.वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

  • वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में एक   राष्ट्रीय उद्यान है। 
  • यह  उद्यान नेशनल पार्क होने के साथ-साथ एक चिड़ियाघर (जू) तथा जंगली जानवरों का रेस्क्यू सेंटर (बचाव केन्द्र) भी है।
  • यह ‘थ्री इन वन’ राष्ट्रीय उद्यान है।
  • वन विहार विस्तृत फैला हुआ चिड़ियाघर है। यह प्रदेश का एकमात्र ‘लार्ज जू’ यानी विशाल चिड़ियाघर है। इससे पहले यह मध्यम श्रेणी के चिड़ियाघर में आता था। 
  • यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर भी है जिसकी देखरेख वन विभाग करता है।
  • 445 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान में मिलने वाले जानवरों को जंगल से पकड़कर नहीं लाया गया है।
  • वन विहार की शानदार खासियतों की वजह से ही इसे 18 जनवरी 1983 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया।

5.पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश

  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी।  
  • पेंच राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किमी. है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण इस उद्यान के बीच से बहने वाली पेंच नदी के नाम पर हुआ है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में प्रसिद्ध मोगली लैंड स्थित है।
  • यहां कृष्ण मृग सर्वाधिक संख्या में पाए जाते हैं। 
  • इस राष्ट्रीय उद्यान को इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।

6.सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान –

  • राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। 
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 529 वर्ग किमी है।
  •  इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी। 
  • सतपुड़ा नेशनल पार्क में कृष्ण मृगों की संख्या अधिक है।

7. संजय राष्ट्रीय उद्यान –

  • संजय राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित है। 
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 467 वर्ग किमी. है। 
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी।

8. माधव राष्ट्रीय उद्यान – 

  • माधव राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित है। 
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 375 वर्ग किमी है। 
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1958 में हुई थी। 
  • जार्ज कैसल नामक भवन इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।

9. घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान

  • घुघवा/घुघुआ राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान (Ghughwa/Ghughua Fossil National Park) म.प्र . के डिंडौरी जिले में स्थित है |
  • यहां 6.5 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म पाये गये हैं  घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान का कुल क्षेत्रफल 0.27 वर्ग किलेमीटर है | 
  • घुघवा/घुघुआ के  जीवाश्मो की खोज 1970 में की गई थी  और 05 मई 1983  को घुघवा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया | 
  • यहां मध्य प्रदेश का सबसे छोटा नेशनल पार्क है 
  • इस पार्क को प्लांट फॉसिल पार्क भी कहते हैं।
  • यह नीलगिरि जीवाश्म के लिये जाना जाता है,  अभी तक का सबसे पुराना जीवाश्म माना जाता है।
  •  इस  राष्ट्रीय उद्यान में डायनासोर के अंडे जीवाश्म के रूप  है |

10. डायनासौर जीवाश्म उद्यान धार 

  • डायनासोर जीवाश्म उद्यान मध्य प्रदेश के धार जिले के अंतर्गत आता है। 
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 0.89 वर्ग किमी. है। 
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 2010 में की गई थी।

11. ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान –

  • ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले के अंतर्गत आता है। 
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किमी. है।
  •  इसकी स्थापना 2004 में की गई थी।

12. कूनो राष्ट्रीय उद्यान  श्योपुर

  • कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है। 
  • इसकी स्थापना सन् 1981 को एक वन्य अभयारण्य के रूप में की गई थी।
  • इसकी स्थापना 2018 में की गई है। 
  • गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से कुछ एशियाई शेरों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।
  • कूनो राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 749 वर्ग किमी. है। 
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