Endangered Species Day

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Endangered Species Day

Endangered Species Day

प्रतिवर्ष मई के तीसरे शुक्रवार को Endangered Species Day मनाया जा रहा है | यह दिन लोगों को वन्य जीवन (wild life) तथा संकटग्रस्त प्रजाति (Endangered Species ) के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है | पहला Endangered Species Day 2006 को मनाया गया था | 21 मई 2001 को 16वा Endangered Species Day मनाया जा रहा है |Endangered species day 2021 की थीम “wild animal without borderline ” रखा गया है |
यह दिन हमें वन्य जीवन तथा संकटग्रस्त प्रजातियों के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाने के अवसर देने के साथ-साथ इनके संरक्षण के प्रयास करने की जानकारी भी देता है | इसके साथ ही यह दिन संकटग्रस्त प्रजातियों तथा उनकी वासस्थान के संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयासों को भी बताता है |

क्यों बनाये endangered species day –

इस दुनिया में प्राकृतिक वातावरण का एक संतुलन बना होना चाहिए | मानवीय गतिविधियों के कारण यह संतुलन और असामान्य होने लगा है जिसके कारण प्राकृतिक आपदाएं लगातार आती रहती है |
इस प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में वन्यजीवों का महत्वपूर्ण योगदान होता है | यदि मनुष्य जाति के अस्तित्व को बनाए रखना है तो वन्यजीव तथा उनके प्राकृतिक आवास को बचाना होगा | वन्यजीवों को संकटापन होने से बचाना होगा | इन सब की वजह से लोगों में जागरूकता उत्पन्न करनी होगी कि वन्य प्राणी होंगे तभी मानव का अस्तित्व बना रहेगा अतः एंडेंजर्ड स्पीशीज डे को मनाया जाना आवश्यक है |

Wild life ( वन्य जीव ) –

वन्य जीव क्या है? यह जानना बहुत जरूरी है – ऐसे सभी पौधे एवं जंतु जिन्हें खेतों में उगाया नही जा सकता तथा जंतुओं को पालतू नहीं बनाया जा सकता, वन्य जीव कहलाते हैं | सामान्यता वन्य जीव जंगलों में निवास करते हैं तथा उन्हें उसी स्थान पर संरक्षण करने की आवश्यकता होती है |
” वन्य जीवन से हमारा तात्पर्य ऐसी जंगली जीव जंतु एवं प्राणियों से हैं जो कि अपने प्राकृतिक आवासों जैसे वन(Forest ), मरुस्थल (Deserts) एवं घास के मैदानों (Grasslands) में पाए जाते हैं |”
वैज्ञानिकों के अनुसार ” वन्य जीवन के अंतर्गत प्राकृतिक आवासों जैसे वन, मरुस्थल, घास के मैदान आदि में पाए जाने वाले समस्त पादपजात (Flora) और प्राणी जात (Fauna )आते है |

Endangered Species

Endangered Species की संकल्पना को समझना जरूरी है | IUCN के द्वारा वन्यजीवों को उनके संरक्षण की दृष्टि से संकटापन पादप एवं जंतु प्रजातियों को अलग-अलग श्रेणियों में विभक्त किया और इसका वर्णन रेड डाटा बुक में किया है | रेड डाटा बुक द्वारा संकटापन प्रजातियों को मुख्य रूप से 6 वर्गों में विभाजित किया गया है | इन 6 वर्गों में प्रमुख वर्ग Endangered Species ( संकटग्रस्त प्रजाति/ लुप्तप्राय प्रजाति ) का है |
” ऐसी प्रजातियां जो कि लुप्त होने की स्थिति में हो एवं यदि वही पारिस्थितिक परिस्थितियां बनी रहे तब उन्हें विलुप्त होने से नहीं बचा जा सकता अर्थात जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा बना रहता है उन्हें लुप्त प्राय या एंडेंजर्ड प्रजाति कहते है |”
ऐसी प्रजातियों की संख्या धीरे-धीरे इतनी कम हो जाती है कि उनमें प्रजनन की संभावना है लगभग समाप्त हो जाती है जिसके कारण धीरे-धीरे यह विलुप्त होने लगती है |

Some Endangered Species –

1.बाघ (Tiger )

  • गैंडा (Rhinocerous
  • सिंह (Lion )
  • सोन चिड़िया (Great Indian Bustard )
  • जंगली गधा (Wild Ass )
  • हिम तेंदुआ (Snow leopard )
  • मोर (Peacock )
  • चिंपांजी
  • हाथी
  • पर्वतीय गोरिल्ला
  • पांडा
  • ध्रुवीय भालू
  • बायसन
  • चीता
  • सांभर

वन्य जीवों के संकटापन होने के कारण –

जनसंख्या में वृद्धि के कारण भोजन आवास एवं अन्य पदार्थों की मांग लगातार बढ़ती जा रही इसकी आपूर्ति हेतु मनुष्य प्रारंभ से ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता रहा और योगी कारण नगरीकरण एवं वैज्ञानिक शोधों में वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों की मांग और बढ़ गई है जिसके कारण अब प्राकृतिक संसाधनों के भंडार कम होने लगे हैं विभिन्न प्रकार के पौधे एवं जीव जंतु आज विनाश के कगार पर पहुंच रहे हैं यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया और उनका संरक्षण नहीं किया गया तो वे पृथ्वी से विलुप्त हो जाएंगे | संकटा पन्ने के प्रमुख कारणों का वर्णन निम्नानुसार है-

  • प्राकृतिक आवास का नष्ट होना
  • शिकार
  • शिकार पर प्रभावी प्रतिबंध का ना होना
  • प्रदूषण
  • वनों की कटाई
  • उद्योगों की स्थापना
  • प्राकृतिक आवास में परिवर्तन होना |
  • पारिस्थितिक स्थानापन्न – जब किसी स्थान पर कोई नई प्रजाति का समावेश किया जाता है तो वह प्रजाति उस स्थान के अधिकांश भाग को घेर लेता है जिसके कारण पूर्व की प्रजातियां स्थानाभाव के कारण लुप्त होने लगती है |

लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण-

लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए
=) जंतु तथा वनस्पतियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में संरक्षण देना चाहिए |
=) लुप्त हो रही जातियों के शिकार पर प्रतिबंध लगाना चाहिए|
=) विलुप्त हो रही जातियों की ब्रीडिंग करके उनकी संख्या को बढ़ाना चाहिए |
=) विलुप्त हो रही जातियों से प्राप्त उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा देना चाहिए |
=) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवास करने वाली जातियों के लिए उन देशों में समझौता होना चाहिए जिससे प्रवासी जातियों को सुरक्षा प्राप्त हो सके |
=) राष्ट्रीय उद्यानों तथा अभ्यारण की स्थापना करनी चाहिए|
=) सर्वेक्षण द्वारा विलुप्त हो रही जातियों का पता लगाया जाना चाहिए तथा उनकी सूची तैयार की जानी चाहिए |

सारांश- उम्मीद करता हूं यह लेख आपको पसंद आएगा अपनी टिप्पणी कमेंट बॉक्स में जरूर दें | वन्य प्राणियों को संरक्षित करने में अपना योगदान जरूर दें|

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यह website जीव विज्ञान के छात्रों तथा जीव विज्ञान में रुचि रखने को ध्यान में रखकर बनाई गई है इस वेबसाइट पर जीव विज्ञान तथा उससे संबंधित टॉपिक पर लेख, वीडियो, क्विज तथा अन्य उपयोगी जानकारी प्रकाशित की जाएगी जो छात्रों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी इन्हीं शुभकामनाओं के साथ|
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