BIOMOLECULES (SHORT NOTES )
- जीवों का शरीर तत्वों का सम्मिश्रण होता है अर्थात अनेक तत्वों का बना होता है |
- कोशिकाओं में पाया जाने वाला जीव द्रव्य कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों का मिश्रण होता है |
- कोशिकीय पदार्थों का लगभग 93% भाग कार्बन हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का बना होता है |
- पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में से 30 से 34 तत्व की जैविक पदार्थों की संगठन में भाग लेते है , इन तत्वों में कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के परमाणु जीवद्रव्य के कुल भार का 95 से 96% बनाते हैं |
- कोशिका के अंदर पाए जाने वाले तत्वों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है-
A. दीर्घ मात्रिक तत्व- यह ऐसे तत्व होते हैं जो प्रचुर मात्रा में जीवों की कोशिका में पाए जाते हैं जैसे -C,H,O,N
B. सूक्ष्म मात्रिक तत्व – कोशिका में इनकी मात्रा बहुत ही कम होती है तथा 2 से 4% भाग के रूप में ही अभिव्यक्त होते है जैसे -K,Cl, S, Ca,P , Mg , Na
C. अति सूक्ष्म मात्रिक तत्व (Trace Element ) – इनकी मात्रा बहुत ही सूक्ष्म होती हैं तथा इनकी उपस्थिति ही प्रमाणित हो पाती है जैसे आयोडीन ,लोहा ,तांबा, कोबाल्ट ,मैग्नीज, बोरान, सिलिकॉन ,फ्लोरीन ,मॉलीब्लेडिनम ,वैनेडियम , Ni, क्रोमियम सेलेनियम, As आदि |
- शरीर में तत्व स्वतंत्र या यौगिक के रूप में होते हैं |
- एक जीवित तंत्र में भाग लेने वाले या उपस्थित सभी अणु जैव अणु कहलाते है |
- कोशिका में उपस्थित सभी अणु आपस में समेकित रूप से कोशिका का कोशिकीय पुल (Cellular Pool )बनाते हैं |
- कोशिका में अत्यंत कम मात्रा में पाए जाने वाले तत्व सूक्ष्म अणु तथा अधिक मात्रा में पाए जाने वाले वृहद या जटिल अणु कहलाते है | कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन नाइट्रोजन सल्फर तथा फास्फोरस कार्बनिक अणुओं के रूप में उपस्थित होते हैं तथा कार्बनिक जैव अणु कहलाते है | जोकि प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट न्यूक्लिक अम्ल के रूप में होते हैं |
- कोशिका में सबसे ज्यादा मात्रा में जल उपस्थित होता है यहां कोशिकीय संगठनों में कुल 70 से 90% भाग के रूप में पाया जाता है |
- उपापचयिक प्रक्रिया के अंतर्गत बनने वाले ऐसे जैव अणु जो शरीर की वृद्धि एवं प्रजनन के लिए आवश्यक होते हैं प्राथमिक उपापचयज (Primary Metabolites ) कहलाते हैं जैसे अमीनो अम्ल, शर्करा , न्यूक्लिक अम्ल, वसीय अम्ल , प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल |
- ऐसे जैव अणु जिनका बन्ना सुरक्षात्मक अथवा प्रति रक्षात्मक या इसी तरह के अन्य कार्यों को संपादित करता है द्वितीयक उपापचयज (Secondary Metabolites ) कहलाते हैं | जैसे एरोमेटिक पदार्थ, टेनिन, फिनोलिक पदार्थ, मसाले आदि |
- कोशिका में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जैव अणुओं का संग्रह कोशिकीय पुल (Celluler Pool ) कहलाता है |
- शर्करा ,अमीनो अम्ल ,न्यूक्लिक अम्ल, न्यूक्लियोटाइड ,प्रोटीन ,वसा आदि कोशिका के कार्बनिक पदार्थ होते हैं |
- जल तथा खनिज लवण कोशिका के अकार्बनिक पदार्थ होते है |
- WATER :-
- जल रंगहीन , गंधहीन, स्वादहीन, स्वच्छ , पारदर्शी द्रव होता है |
- जल का क्वथनांक 100 डिग्री सेंटीग्रेड तथा हिमांक जीरो डिग्री सेंटीग्रेड होता है |
- शुद्ध जल ऊष्मा एवं विद्युत का कुचालक होता है |
- 4°C तापक्रम पर जल का घनत्व एक होता है |
- जल में ऊष्मा नियमन की अपूर्व क्षमता होती है |
- जल सार्वत्रिक विलायक होता है |
- जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 530 कैलोरी प्रति ग्राम होती है |
- सभी पदार्थ शीतन के क्रम में संकुचित होते हैं ,जल फैलता है |
- O°C से 4 °C तक ताप बढ़ाने पर जल का आयतन घटता है |
- बर्फ पानी पर उससे बनने वाले द्रवीय जल का आयतन घट जाता है |
- सामान्य नमक
- यह कोशिका तथा जीव के शरीर का प्रमुख घटक होता है इसका अवयव सोडियम आयन कोशिका के अंदर जल की मात्रा को नियंत्रित करता है|
- यह कोशिका के अंदर तथा उसके बाहरी वातावरण की सांद्रण प्रवणता को बनाए रखता है|
- यह कोशिका के अंदर होने वाली कई गुफा बचाई क्रियाओं के संचालन का नियंत्रण करता है|
- यह कोशिका के अंदर विविध आयन के अवशोषण में मदद करता है |
- यहां विविध अणुओं के निर्माण में भी मदद करता है |
- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिसमें हाइड्रोजन ,नाइट्रोजन, सल्फर के संयोजन में कार्बन पाया जाता है उन्हें कार्बनिक योगिक कहते हैं|
- कार्बनिक योगिक अनेक बहुलक के रूप में पाए जाते हैं बहुलक की सबसे छोटी इकाई को मोनोमर कहते हैं इस प्रकार कुछ मोनोमर में मिलकर ओलिगोमर का निर्माण करते हैं और अनेक मोनोमर मिलकर पॉलीमर का निर्माण करते है |
- कार्बनिक यौगिकों में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन वसा व न्यूक्लिक अम्ल प्रमुख है |
- कार्बोहाइड्रेट पॉली हाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन्स होते है |
- कार्बोहाइड्रेट का सामान्य सूत्र Cn(H2O)n होता है |
- कार्बोहाइड्रेट को विलेयता के आधार पर दो समूह में बांटा जा सकता है –
A. शर्करा – यह जल में विले य तथा स्वाद में मीठे होते हैं | जैसे- मोनोसैकेराइड तथा ओलिगोसैकेराइड |
B.अशर्करा – यह जल में अविलेय तथा स्वादहीन होते हैं जैसे – पालीसैकेराइड
- आणविक संरचना तथा रासायनिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट को तीन समूहों में बांटा जाता है –
A. मोनोसैकेराइड
B.ओलिगोसैकेराइड
C.पालीसैकेराइड
- मोनोसैकेराइड- सबसे सरलतम कार्बोहाइड्रेट होते हैं इन का सामान्य सूत्र Cn(H2O)n होता है इसका जलीय अपघटन नहीं होता है |
Triose – 3 कार्बन उदाहरण के लिए Glycreldehyde , Dihydoxy aciton
Tetrose – ईरीथ्रोस
Pentose – राईबोज और डीआक्सी राइबोज
Hexose – ग्लूकोस, फ्रुक्टोज़ गैलेक्टोज
- ओलिगोसेकेराइड्स – यह मोनोसेकेराइड्स के 2 से 10 अणुओं के संघनन से बनते हैं |
डाईसेकेराइड –
सुक्रोज = Glucose + Fructose
Lactose = Glucose + Galactose
Maltose = Glucose +Glucose
ट्राईसेकेराइड्स –
Reffinose = Glucose +Fructose +Galactose
Jenciaenose = 2 Glucose +Fructose
टेट्रासेकेराइड –
Scorodose – यह लहसुन तथा प्याज में पाया जाता है |
Stachyose – स्टेकिस टुबैरिफेरा में पाया जाता है |
पेंटासेकेराइड्स –
Verbascose – यह Verbascum thapus की जड़ में पाया जाता है |
26 imp suger and there common name
Glucose – Grape sugar
Fructose – Fruit sugar
Galactose – Milk sugar
Sucrose – Cane sugar
Lactose – Milk sugar
Starch – Stored carbohydrate in plant
Glycogen – Animal starch
Maltose – Malt sugar
- पॉलिसैकेराइड – यहां सबसे जटिल प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो अनेक मोनोसैकेराइड इकाई के संयोजन से बनते हैं | इन का सामान्य सूत्र(C6H10O5)n होता है |
यह दो प्रकार का होता है –
- होमोपॉलिसैकेराइड – यह सामान प्रकार के मोनोसैकेराइड इकाई से मिलकर बना होता है \
जैसे – स्टार्च , सैलूलोज ,ग्लाइकोजन काइटीन ,इन्युलिन ,डेक्सट्रान ,अगर , मेनास |
- हेटेरो पॉली सैकेराइड – यह आसमान मोनोसैकेराइड इकाइयों से मिलकर बना होता है \
जैसे – हायलोयुरोनिक अम्ल , कॉन्ड्रिन सल्फेट, हिपेरिन ,पेक्टिन ,Gums and mucileges |
- मोनोसैकेराइड अणु आपस में glycosidic bond से जुड़ कर ओलिगो सेकेराइड तथा पालीसैकेराइड का निर्माण करते है |
- सुक्रोज माल्टोज तथा लैक्टोज सबसे सामान्य डाइसेराइड्स होते है |
- ग्लूकोज को सामान्यतः ग्रेप शुगर भी कहते हैं |
- प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली शर्कराओं में सबसे मीठी शर्करा फ्रुक्टोज़ शर्करा शर्करा है |
- स्तन ग्रंथियों दूध की लैक्टोज शर्करा का निर्माण ग्लूकोज और गैलेक्टोज से करती है मां के दूध में लैक्टोज शर्करा सर्वाधिक होती है |
- स्टार्च , शर्करा से केवल इस बात में भिन्न होता है कि स्टार्च जल में अघुलनशील होता है और जीवित झिल्ली के आर पार नहीं जा सकता है |
- ग्लाइकोजन मुख्यता यकृत पेशियों में पाया जाता है |
- स्टार्च – amaylose , amylopectin 1:4 अनुपात में पाए जाते हैं |
- कपास का 90% सेल्यूलोज होता है |
- हिपेरिन एक हेटेरो पॉली सैकेराइड है जो रक्त प्रतिस्कंदक है |
- काइटिन क्रस्टेशियन के बाहा कंकाल का निर्माण करता है |
- हार्डमानिया के टेस्ट का निर्माण ट्यूनिसिन नामक पॉली सैकेराइड से होता है |
- उपास्थि ,कॉर्निया एवं त्वचा को शक्ति तथा लचीलापन प्रदान करने के लिए म्यूको पॉलिसैकेराइड ( Chondrin Sulphate ) पाया जाता है |
- जंतुओं के संयोजी ऊतकों तथा तरल पदार्थों ,जीवाणु की कोशिका भित्ति ,आंखों की काचाभ द्रव्य एवं तंत्रिका तंत्र के सिनोवियल द्रव्य पाली म्यूको पॉलिसैकेराइड पाया जाता है |
- गोंद भी एक प्रकार का पाली म्यूको पॉलिसैकेराइड है जो गैलेक्टोज ,अरेबिनोज तथा जायलोज शर्करा का बना होता है |
- लिपिड कार्बनिक पदार्थों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो कि जल में अविलेय परंतु कार्बनिक विलायक जैस-े ईथर , क्लोरोफॉर्म ,कार्बन टेट्राक्लोराइड , बेंजीन, एसीटोन में विलेय होता है तथा गर्म एथिल और एथिल अल्कोहल में पूर्ण रूप से विलयनशील होते हैं |
- वसा तथा वसा जैसी पदार्थ जो कि कार्बनिक विलेय में घुलनशील होते हैं लिपिड कहलाती है |
- लिपिड शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ब्लूर द्वारा किया गया |
- कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन द्वारा निर्मित कार्बनिक यौगिक है |
- वसा में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन 2:1 नहीं होता है |
- वसा जीव द्रव्य का 3 से 5% भाग बनाता है |
- लिपिड मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है –
A. सरल लिपिड – वसी अम्ल एवं अल्कोहल के एस्टर्स होते हैं | जो उदासीन वसा तथा मोम के रूप मे होते है |
- उदासीन वसा में संतृप्त तथा असंतृप्त वसा शामिल है |
- असंतृप्त वसा के अंतर्गत ओलिक अम्ल , लिनोलिेनिक अम्ल ,वनस्पति घी ,तेल आदि शामिल होते हैं |
- संतृप्त वसा के अंतर्गत पॉमिटिक अम्ल , स्टीयरिक अम्ल , देसी घी आदि शामिल होते हैं |
- मोम वसीय अम्ल तथा उच्च आणविक भार युक्त हाइड्रोक्सी अल्कोहल से मिलकर बने होते हैं |
- जैसे – व्हेल व डॉल्फिन के करोटि में पाए जाने वाला स्पर्मासेटाई |
B . संयुक्त लिपिड – ऐसे लिपिड जिसमें वसीय अम्ल एवं अल्कोहल के साथ कुछ अन्य तत्व भी उपस्थित होते हैं , संयुक्त लिपिड कहलाते हैं |
- फास्फोलिपिड – लेसिथिन , सिफेलिन , प्लास्मोलॉजेंस ,फोस्फेटिडिल सेरिन , स्फिन्गमायलिन्स , फोस्फेटिडिल इनोसिटोल
- ग्लाइकोलिपिड – सेरिब्रोसाइड्स , गैंगलिओसाइड्स |
- क्रोमोलिपिड – केरोटीन्स , जेंथोफिल |
- लिपोलिपिड –
C. व्यत्पन्न लिपिड – ऐसे लिपिड जो सरल एवं संयुक्त लिपिड्स के जल अपघटन से प्राप्त होते हैं जैसे – स्टेरॉल और स्टेरॉइड्स
- स्टेरॉइड्स के प्रमुख उदाहरण है – कोलिक अम्ल , प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन, कॉर्टिसोल, एल्डोस्टेरोन |
- असंतृप्त वसाओं का यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि जब इनके कार्बन परमाणुओं के दोहरे बंध टूटते हैं तो हाइड्रोजन अणु लगते हैं |
- फास्फोलिपिड इकाई झिल्ली का संगठक है |
- प्राणियों में मुख्यतः पामिटिक अम्ल , स्टीयरिक अम्ल पाए जाते हैं
- लेसीथीन की कमी से फैटी लीवर अवस्था उत्पन्न होता है |
- सिफेलिन रक्त स्कंदन में सहायक होता है |
- कोलेस्ट्रॉल पैतृक स्टेरोल्स का कार्य करता है |
- 1 g वसा मे 9.2 k.cal ऊर्जा प्राप्त होती है |
- लिपिड जो जल में घुलनशील होते हैं वह जलीय वातावरण में जीव अणु परत निर्मित करते हैं |
- कुछ वसा साधारण ताप पर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं – जैसे बीफहेलो
- कुछ वसा साधारण ताप पर द्रव अवस्था में पाए जाते हैं जैसे – व्हेल तेल , कॉड लिवर आयल
- प्रोटीन शब्द मुल्डर द्वारा दिया गया है |
- अमीनो अम्ल बहुलीकरण द्वारा प्रोटीन का निर्माण करते है |
- ग्लाइसिन सबसे सरल अमीनो अम्ल होता है |
- जंतु के शरीर में संश्लेषित नहीं हो सकने वाले अमीनो अम्ल आवश्यक अमीनो अम्ल कहते हैं |
- अम्लीय अमीनो एसिड – एस्पार्टिक अम्ल ,ग्लूटामिक अम्ल
- क्षारीय अमीनो एसिड – लाइसिन ,अर्जिनिन
- उदासीन अमीनो एसिड – ग्लाइसिन ,वैलीन, एलेनिन, फिनायल एलेनिन आदि
- सल्फर युक्त अमीनो अम्ल – सिस्टीन , सिस्टाइन , मिथियोनिन
- एरोमेटिक अमीनो अम्ल – टायरोसिन , फिनायल एलेनिन
- विषम चक्रीय अमीनो अम्ल – प्रोलीन ,हाइड्रोक्सी प्रोलीन ,ट्रिप्टोफेन
- कोशिकाओं में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला कार्बनिक पदार्थ प्रोटीन है |
- यूकेरियोटिक ए प्रोटीन संश्लेषण में केवल दो एमिनो अम्ल की भाग लेते हैं |
- D – अमीनो अम्ल एंटीबॉडीज और बैक्टीरिया में पाए जाते है |
- प्रोटीन में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 50 से 55% होती है |
- हिमोग्लोबिन प्रोटीन एक श्वश्नीय वर्णक है जिसमें 574 अमीनो अम्ल पाए जाते हैं |
- बाल ,नाखून उन मे किरेटिन प्रोटीन , पेशियों में एक्टिन और मायोसीन प्रोटीन पाई जाती है |
- जीवों की कोशिकाओं में प्राय 20 अमीनो अम्ल प्रोटीन संश्लेषण में भाग लेते हैं |
- प्रोटीन मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है –
- Simple Protein – Ex. -Prolamine ,scleroprotein, protamine,histone,globulin,albumins,Glutanins
- Compound Protein – Ex.- Chromoprotein, Nucleoprotein, Glycoproteins, Phosphoprotein,
Lipoprotein, Metalloprotein , Mucoprotein.
- Derived Protein – Mucein, Insulin ,Peptones.
- प्रॉलमीन जौ मे हार्डिन , गेहूं में ग्लैडिन ,मक्का में Zein के रूप में पाया जाता है |
- ग्लूटेनिन्स चावल में ओरिजेनिन तथा गेहूं में ग्लूटेनिन के रूप में पाया जाता है |
- प्राणियों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन को प्रथम श्रेणी का प्रोटीन तथा पौधों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन को द्वितीय श्रेणी का प्रोटीन कहते हैं |
- प्रोटीन संश्लेषण हेतु सेंट्रल डोगमा सिद्धांत जैकब और मोनाड के द्वारा दिया गया है |
- सोयाबीन प्रोटीन पादप प्रोटीन ( 43.2% ) का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है |
- किरेटिन एक फाइब्रस , अघुलनशील प्रोटीन है जिसे स्क्लेरोप्रोटीन भी कहते है
- जंतुओं के एक्टोडर्मल कोशिकाओं , बालों तथा नाखूनों में पाई जाती है चमड़ा सबसे शुद्ध किरेटिन है |
- मास में कार्बोहाइड्रेट के अनुपात में ज्यादा प्रोटीन पाई जाती है जबकि चावल में प्रोटीन के अनुपात में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है |
- एंटीबॉडी जंतुओं पर शरीर में बनने वाला एक प्रोटीन अणु है जो बाहरी प्रवेश करती हुई प्रोटीन या एंटीजन के प्रभाव को निष्प्रभावी करती है |
- वह प्रक्रिया जिसके कारण प्रोटीन की लाक्षणिक पेप्टाइड श्रंखला की संरचना का अवलन हो जाता है उसे विकृतिकरण कहते है | इन दिनों में यह क्रिया कई कारणों से होती है जिसमें तापमान मुख्य कारक के रूप में माना जाता है |
- कुछ न्यूक्लियोटाइड तथा उनके व्युत्पन्न सह एंजाइम की तरह कार्य करते हैं |
- न्यूक्लियोटाइड, न्यूक्लिक अम्ल की आधारभूत इकाई होती है |
- प्रत्येक न्यूक्लिक अम्ल चार प्रकार के न्यूक्लियोटाइड के बने बहुलीकरण अणु होते है |
- DNA मे प्यूरीन तथा पिरीमिडीन बराबर अनुपात में होते हैं |
- अनुवांशिक सूचनाएं विभिन्न प्रकार के न्यूक्लियोटाइड के क्रम में संचित रहती है|
- न्यूक्लिक अम्लों में पाई जाने वाली पेंटोस शर्करा दो प्रकार की होती है , राईबोज और डिओक्सी राइबोज | दोनों में केवल इतना अंतर होता है कि डिओक्सी राइबोज में एक ऑक्सीजन का होता है |
- प्यूरीन और पायरीमिडीन में थोड़ा सा अंतर पाया जाता है प्यूरीन में दो और पिरीमिडीन में केवल एक रिंग पाई जाती है |
- पादप वायरस को को छोड़कर शेष सभी जीवो का अनुवांशिक पदार्थ DNA होता है|
- रियो वायरस तथा wound tumer virus मे RNA द्वि श्रृंखला वाला कुंडलीत रचना के रूप में होता है |
- DNA शब्द सर्वप्रथम जेकेरिस प्रयोग किया |
- लेवाइन ने खोजा की न्यूक्लिक अम्लों के अणु में पांच कार्बन शर्करा पैंटोस राइबोज़ तथा डिआक्सी राइबोज़ होती है |
- कोसेल ने खोजा कि डीएनए के अणु में दो पायरीमीडिन तथा दो प्यूरीन क्षारक होते है |
- खनिज पदार्थ हमारे शरीर की उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण करते है
- कैल्शियम और मैग्नीशियम के लवण स्तरीकरण द्वारा अस्थियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं |
- जल में घुलनशील विटामिन होते हैं विटामिन C, थायमिन , राइबोफ्लेविन, बायोटिन तथा वसा में घुलनशील विटामिन होते हैं विटामिन A, D, E तथा K
- शरीर में उचित मात्रा में आयोडीन ना होने से घेंघा रोग हो जाता है|
- शरीर में लोहे की मात्रा कम होने पर एनीमिया रोग हो जाता है |
- 1 ग्राम carbohydrates ऑक्सीकरण से 4.2 किलो कैलोरी वसा से 9.3 किलो कैलोरी तथा प्रोटीन से 5.6 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है |
- हमारे शरीर का कुल भार का 2% पानी प्रतिदिन चाहिए |
- जैविक क्रिया तथा उसकी प्रक्रिया का अध्ययन बायोनिक्स कहलाता है |
- इंसुलिन नामक एंजाइम के एमिनो अम्ल के क्रम को 1953 में सेंगर ने पता लगाया |
- एंजाइम की सहायता से किसी क्रियाधार का छोटे-छोटे घटकों में विघटन एंजॉयमोलाइसिस कहलाता है |
- ड्युलोक्स ने 1883 एंजाइम के नाम के अंत में एज प्रत्यय लगाने को प्रस्तावित किया
- एलोस्टोरिक संदमन की अवधारणा जेकक्स मोनोड ने दिया |
- पराक्सीडेस सबसे छोटा एंजाइम होता है जबकि केटेेलेज सबसे बड़ा एंजाइम होता है |
- एंजाइम जीवित अवस्था में बनते हैं लेकिन यह स्वयं जीवित नहीं होते है |
- एंजाइम का संश्लेषण डीएनए के द्वारा निर्धारित होता है |
- एंजाइम त्रिविमीय संरचना के कारण अकार्बनिक उत्प्रेरक की तुलना में अधिक क्रियाशील होते है |
- अनेक विटामिन महत्वपूर्ण प्रोस्थेटिक समूह के भाग बनाते है जैसे – विटामिन बी कॉम्प्लेक्स |
- निष्क्रिय एंजाइम प्रोएंजाइम कहलाते है |
- सर्वाधिक एंजाइम कोशिका के माइट्रोकांड्रिया में उपस्थित होते हैं |
- कोशिका की सभी हिस्सों को एवं अंगों में एंजाइम उपस्थित होती है |
- किसी एंजाइम की कमी का हो जाना एंजाइमोपोनिया कहलाता है |
- एंजाइम का बहुत सक्रिय स्थल जहां से क्रियाधार जुड़ते हैं सक्रिय स्थल कहलाती है |
- राइबोजाइम नामक एंजाइम प्रोटीन का नहीं बल्कि न्यूक्लिक अम्ल का बना होता है इसकी खोज सेक एवं अन्य वैज्ञानिक ने की |