What is Body Symmetry ?

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दैहिक या शारीरिक सममिति (BODY SYMMETRY)

जंतुओं के शरीर में अंगों की व्यवस्था के स्वरूप को दैहिक सममिति कहते हैं। 

सममिति के आधार पर जन्तु 3 प्रकार के होते है –

1. असममित जीव (Asymmetric organisms) 

2. अरीय सममिति जीव (Radially symmetrical organisms) 

3. द्विपार्श्व सममित जीव (Bilaterally symmetrical organisms) 

1. असममित जीव (Asymmetric organisms) – ऐसी सममिति जिसमें शरीर के विभिन्न अंग इस प्रकार होते है, उन्हें किसी भी स्तर या तल पर दो बराबर भागों में नहीं बाँटा जा सकता। उसे असममिति सममित (Asymmetry symmetry) तथा ऐसे जीवों को असममित जीव कहते हैं। उदाहरण- स्पंज या पोरीफेरा संघ के जीव

2. अरीय सममिति जीव (Radially symmetrical organisms) – ऐसी सममिति जिसमें शरीर के विभिन्न अंग एक केन्द्रीय  अक्ष के चारों और इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं कि शरीर को केन्द्रीय, अक्ष से होते हुए किसी भी तल पर काटने पर वह दो भागों में विभक्त हो जाता है। उसे अरीय सममिति (Radial symmetry) कहते हैं। उदाहरण- Coelenterates, ctenophores and echinoderms – तारामछली (Starfish),  हाइड्रा (Hydra), जेलीफिश (Jellyfish), सायकॉन (Sycon) आदि। इस प्रकार की सममिति युक्त जीवों को रेडिएट्स (Radiates) कहते हैं।

                         Figure Radial symmetry

3. द्विपार्श्व सममित जीव(Bilaterally symmetrical organisms) –  ऐसे जीवों के शरीर को केवल एक या दो तलों में काटने पर वह दो बराबर भागों में विभक्त हो जाता है। द्विपार्श्व संगमिति युक्त जीवों को बाइलेटेरिया (Bilateria) कहते हैं। उदाहरण- Platyhelminthes to Chordates प्राणी –  जैसे मछलियाँ, मनुष्य आदि। 

                               Figure Bilateral symmetry

इस समूह के अन्तर्गत आने वाले जन्तुओं के शरीर में अग्र (Anterior) एवं पश्च (Posterior) (End) होता है। इनका मुँह अग्र छोर पर तथा गुदा पश्च छोर की ओर स्थित होता है। इसी प्रकार इनके शरीर की कम सतह को पृष्ठ सतह (Dorsal surface) तथा निचली सतह की अधर सतह (Ventral surface) कहते हैं। पृष्ठ एवं अधर सतह के दाहिनी एवं बाई और स्थित शरीर की सतह को पाश्र्वीय सतह (Lateral side) कहते हैं। उपर्युक्त समर्पितों के अतिरिक्त कुछ बहुकोशिकीय जीवों में गोलाकार सममिति भी पायी जाती है।

रेडिऐटा एवं बाइलेटेरिया में अन्तर (Difference between Radiata & Bilateria)

S.N.    Radiata    Bilateria
1शरीर में अरीय / त्रिज्या ( Radial Symmetry) पाई जाती है।शरीर में द्विपार्श्व सममिति (Bilateral) Symmetry) पाई जाती है।
2शरीर की भित्ति का निर्माण दो जनन स्तरों (Two germinal layers) द्वारा होता है। प्राणी द्वि-स्तरीय (Diploblastic) होते हैं। Ectoderm and Endoderm शरीर की भित्ति का निर्माण तीन जनन स्तरों (Three germinal layers) द्वारा होता है। प्राणी त्रि-स्तरीय (Triploblastic) होते हैं।Ectoderm, Mesoderm  and Endoderm 
3शरीर की भित्ति में मीसोडर्म (Mesoderm) को अभाव होता है।शरीर की भित्ति में मीसोडर्म (Mesoderm) पाई जाती है।
4देहगुहा (Coelom) अनुपस्थित होती है।देहगुहा (Coelom) पाई जाती है।
5अंग संस्थान / तन्त्र (Organ System) अपूर्ण या कम विकसित होता है।अंग संस्थान / तन्त्र (Organ System) अधिक विकसित होते हैं।
6केवल एक छिद्र, मुख (Mouth) द्वारा आहारनाल नाल बाहर की ओर खुलती है।आहारनाल नाल बाहर की ओर दो छिद्रों द्वारा खुलती है-मुख (Mouth) एवं गुदा (Anus) ।
रेडिऐटा एवं बाइलेटेरिया में अन्तर
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