What is Morphology ?

आकारिकी (morphology ) जीवों के आकार, संरचना और बाह्य स्वरूप का अध्ययन है, जिसमें उनकी शारीरिक विशेषताओं जैसे आकार, आकृति और उनके अंगों की बाह्य और आंतरिक व्यवस्था का अध्ययन किया जाता है। यह जीवों के वर्गीकरण, उनके विकासवादी संबंधों ( phylogenetic relationship ) को समझने और उनके प्रत्यक्ष लक्षणों ( phenotype ) का अध्ययन करके आनुवंशिक विकारों की पहचान करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
परिभाषा:-
आकारिकी (Morphology) – जीवविज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीवों की बाहरी आकृति (External form) , संरचना (Structure) एवम आंतरिक संरचना का अध्ययन किया जाता है आकारिकी कहलाती है।
शब्द की उत्पत्ति:-
Morpho = रूप/आकृति (Form/Shape) Logos = अध्ययन (Study)
Morphology शब्द Johann Wolfgang von Goethe द्वारा दिया गया है , Morphology को विकसित करने में अनेक वैज्ञानिको का योगदान है |
Wilhelm Hofmeister: (German botanist) को father of plant morphology माना जाता है |
आकारिकी के प्रकार: –
Morphology (आकारिकी) को मुख्यतः निम्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है—
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External Morphology (बाह्य आकारिकी) –
जीवों की बाहरी संरचना और रूप-रंग का अध्ययन। पौधों में: जड़, तना, पत्ती, फूल, फल, बीज प्राणियों में: शरीर का आकार, रंग, पंख, त्वचा, अंग
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Internal Morphology ( आंतरिक आकारिकी)/ Anatomy –
जीवों की आंतरिक संरचना (Internal structure) का अध्ययन। पौधों में: ऊतक (tissues), संवहन तंत्र प्राणियों में: अंगों की आंतरिक रचना जैसे हृदय, फेफड़े
Morphology को अनेक प्रकार से भी वर्गीकृत किया जा सकता है |
पादप आकारिकी (Plant Morphology) –
इसमें पौधों के बाहरी अंगों जैसे जड़ (Root), तना (Stem), पत्ती (Leaf), फूल (Flower), फल (Fruit), बीज (Seed) आदि की संरचना और विविधता का अध्ययन किया जाता है।
प्राणि आकारिकी (Animal Morphology)-
इसमें जंतु की शरीर की आकृति, अंगों की संरचना और बनावट का अध्ययन किया जाता है।
आकारिकी का महत्व:-
- जीवों की पहचान और वर्गीकरण में सहायक।
- पौधों और जानवरों की संरचनात्मक विविधता को समझने में मददगार।
- कृषि, औषधि और अनुसंधान कार्यों में उपयोगी।