बीजाण्ड के प्रकार (Types of Ovules)
Class-12th Biology
Unit – Reproduction
Chapter- 02 पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन
Topic -बीजाण्ड के प्रकार (Types of Ovules)
बीजाण्ड के प्रकार (Types of Ovules) :-
बीजाण्ड में पाए जाने वाले funicle, Micropyle तथा chaliza के आधार पर यह निम्न प्रकार के होते है –
1.ऋजुवर्ती ( Orthrotropus)
2.अधोमुखी (Anatropous )
3.अनुप्रस्थावर्त (Hemianatropous )
4.अनुप्रस्थ बीजांड (Amphitropus Ovule )
5.वक्रावर्त बीजाण्ड (Campylotropous)
6.कुण्डलित बीजाण्ड (Circinotropous )
1.ऋजुवर्ती ( Orthrotropus) –
Orthro – Straight सीधा
tropus -atum धारण करना
बीजाण्ड जिसमें बीजाण्ड में पाए जाने वाले funicle (बीजाण्डवृंत) , Micropyle (बीजाण्डद्वार ) तथा chaliza (निभाग )एक ही सीध में होते हैं ऋजुवर्ती ( Orthrotropus) बीजाण्ड कहलाता हैं |
Ex – जिम्नोस्पर्म में इस प्रकार बीजाण्ड पाया जाता है, इसके अलावा काली मिर्च, पान आदि में भी यह पाया जाता है |
2.अधोमुखी (Anatropous )-
Ana – backward उल्टा
Tropous- atum धारण करना
ऐसा बीजाण्ड जिसमें बीजाण्ड में पाए जाने वाले funicle (बीजाण्डवृंत) , Micropyle (बीजाण्डद्वार ) एक दूसरे के करीब आ जाते हैं तथा chaliza (निभाग ) ऊपर की ओर चला जाता है अधोमुखी (Anatropous )- कहलाता हैं | अर्थात इस प्रकार बीजाण्ड ऋजुवर्ती ( Orthrotropus) – के विपरीत होता है |
Ex- इस प्रकार का बीजाण्ड एंजियोस्पर्म पादपों की मुख्य विशेषता होता है जैसे मटर, सेम आदि |
3.अनुप्रस्थावर्त (Hemianatropous ):-
Hemi- Half आधा
Ana – backward उल्टा
Tropous- atum धारण करना
ऐसा बीजाण्ड जिसमें बीजाण्ड में पाए जाने वाले funicle (बीजाण्डवृंत) , Micropyle (बीजाण्डद्वार ) एक दूसरे के समकोण में आ जाते हैं, अनुप्रस्थावर्त (Hemianatropous ) कहलाता हैं |
Ex. प्राइमुला, रेननकुलस आदि |
4.अनुप्रस्थ बीजांड (Amphitropus Ovule ) :-
Amphi -on both side (दोनों ओर )
Tropous – atum (धारण करना )
इस प्रकार का बीजाण्ड अधोमुखी बीजाण्ड के समान होता है अंतर केवल इतना है कि इसमें बीजाण्ड के साथ-साथ भ्रूणकोष में भी वक्रता आ जाती जिससे भ्रूणकोष किडनी के आकार का हो जाता है|
Ex- ऐैलिस्मा (Alisma), ब्युटोमस, लेम्ना, पोस्त (poppy), प्रिम रोज आदि
5.वक्रावर्त बीजाण्ड (Campylotropous):-
Campylos- curved ( वक्रीत )
Tropous – atum ( धारण करना)
इस प्रकार के बीजाण्ड में, बीजाण्ड अपने वृंत पर घोड़े की नाल की आकृति में स्थित रहता है जिससे भी बीजाण्डवृंत तथा नाभीका पास -पास रहते हैं |
Ex. सरसों, मूली, कैंडिटफ्ट, मिराबिलिस, चीनोंपोडियम आदि |
6.कुण्डलित बीजाण्ड (Circinotropous ) :-
Circino- around ( चारों ओर)
Tropous- atum ( धारण करना)
इस प्रकार का बीजाण्ड प्रारंभ में ऋजुवर्ती ( Orthrotropus) रहता है वृद्धि के साथ-साथ यह अधोमुखी हो जाता है किंतु पूर्ण वृद्धि हो जाने पर यहां अपने अक्ष पर घूम जाता है अर्थात बीजाण्डवृंत लंबा होकर बीजाण्ड को चारों ओर से घेर लेता है यह बीजाण्ड से केवल एक वृंत द्वारा जुड़ा होता है |
Ex. नागफनी, केक्टेसी तथा प्लम्बेजिनेसी कुल के सदस्यों में |