Skeleton System [मानव कंकाल तंत्र] से संबंधित तथ्यों को शामिल किया गया है यह महत्वपूर्ण तथ्य प्रतियोगी परीक्षाओं, NEET, विभिन्न बोर्ड से जुड़ी हुई परीक्षाओं, ऑनलाइन एग्जाम आदि की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं | उम्मीद करूंगा Human Skeleton System से संबंधित यह सामग्री परीक्षा में सम्मिलित होने वाली परीक्षार्थियों, छात्रों, शिक्षकों एवं अन्य सभी के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी | उपरोक्त तथ्यों को शामिल करते समय पूर्णता सावधानी बरती गई है फिर भी किसी प्रकार की त्रुटि होने पर कमेंट बॉक्स में अपनी सुझावात्मक प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि लेख को और अधिक बेहतर बनाया जा सके|
कंकाल तंत्र से जुड़ी विज्ञान की प्रमुख शाखाएं
1.अस्थि विज्ञान ( Osteology)-विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत मानव कंकाल तंत्र का अध्ययन किया जाता है अस्थि विज्ञान ( Osteology)कहलाती है |
2.दंत विज्ञान (Odontology) – दाँत एवं मसूड़ों का अध्ययन दंत विज्ञान (Odontology) के अंतर्गत किया जाता है |
3. संधि विज्ञान( Arthrology ) – हड्डियों के जोड़ों का अध्ययन संधि विज्ञान( Arthrology ) के अंतर्गत कियाi जाता है|
4.कपाल विज्ञान (Craniology) – खोपड़ी का अध्ययन कपाल विज्ञान (Craniology) के अंतर्गत किया जाता है|
5.सिन्डेस्मोलॉजी – कंकाल संधियों एवं स्नायुओं का अध्ययन syndesmology के अंतर्गत किया जाता है|
कंकाली संयोजी ऊतक( Skeletal connective tissue)
- कशेरुकी जंतु के शरीर की निश्चित आकृति तथा आकार कंकाली संयोजी ऊतक( Skeletal connective tissue) के द्वारा प्राप्त होता है शरीर के इस ढांचे को कंकाल (skeleton)कहते हैं इसको और अवलंब ऊतक (supporting tissue) भी कहा जाता है |
- यह ऊत्तक दो प्रकार का होता है-
A. उपास्थि (Cartilege )
B. अस्थि (Bone)
A. उपास्थि (Cartilege ) - उपास्थि का मैट्रिक्स कॉन्ड्रिन नामक ग्लाइकोप्रोटीन का बना होता है |
- उपास्थि के बीच बीच में खाली स्थान अथवा छोटी थैलियां पाई जाती है जिन्हें गर्तिका ( lacunae ) कहा जाता हैं |
- उपास्थि के matrix में 1 से 4 जीवित कोशिका पाई जाती है जिन्हें Chondriocytes अथवा chondrioblast कोशिका कहते हैं जिनके द्वारा कॉन्ड्रिन का स्रावण होता हैं |
- उपास्थि के चारों ओर पेरीकॉन्ड्रियम का एक पतला सा स्तर पाया जाता है इसमें से होकर भोज्य पदार्थ उपास्थि के अंदर पहुंचता है |
- उपास्थि चार प्रकार की होती है-
- काचाभ उपास्थि ( Hyaline cartilege )- इसमें तंतु अनुपस्थित होते हैं तथा यहां मुख्य रूप से स्वासनली, हाइड, स्टर्नम, तथा पसलियों में पाया जाता है |
- रेशेदार उपास्थि (Fibrous cartilage )- इसमें कोन्ड्रियोब्लास्ट के अलावा श्वेत कोलेजन तंतु भी पाए जाते हैं यह उपास्थि अंतर कशेरुक डिस्क एवं प्यूबिक सिमफयसिस आदि में पाई जाती है |
- लचीली उपास्थि (Elastic cartilage ) – इसके मैट्रिक्स में इलास्टिन तंतु पाए जाते हैं यहां हमारे कान, नाक के सिरे तथा एपिग्लॉटिस पर पाई जाती है |
- कैलशिफाइड उपास्थि (Calcified cartilage)- इसके मैट्रिक्स में कैल्शियम लवण का जमाव पाया जाता है यह श्रोणि मेखला, प्युबिस, अंस मेखला की सुप्रास्कैपुलर के अलावा फीमर तथा हुमरस के दोनों सिरों पर पाई जाती हैं |
B. अस्थि (Bone)
- अस्थि एक कठोर ठोस एवं मजबूत संयोजी ऊतक है इसमें ossein नामक प्रोटीन पाई जाती है, रचनात्मक रूप से अस्थि मैट्रिक्स, कॉलेजन तंतु, अस्थि कोशिकाओं तथा कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवण की बनी होती है |
- अस्थि में पाई जाने वाली कोशिकाओं को ओस्टियोसाइट्स कहते हैं |
- अस्थि के बीच एक खोखली गुहा पाई जाती है जिसे मज्जा गुहा कहते हैं इसमें मुलायम पदार्थ भरा होता है जो अस्थि मज्जा कहलाता है |
- अस्थियों के सिरों पर पाई जाने वाली अस्थि मज्जा लाल रंग की होती है जबकि मध्य में यह पीले रंग की होती है जिन्हें क्रमश लाल अस्थि मज्जा तथा पीली अस्थि मज्जा कहा जाता है लाल अस्थि मज्जा में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है जबकि पीली अस्थि मज्जा में श्वेत रक्त कणिकाएं बनती है |
- स्तनधारियों की हड्डियों में हैवर्सियन नलिका पाई जाती है |
- हैवर्सियन नलिका आपस में वोल्कमैंस नलिका के द्वारा आपस में जुड़ी होती है |
- अस्थियों दो प्रकार की होती हैं कलाजात (membranous or investing ) एवं उपास्थिजात (cartilege or Replacing bone)
कंकाल तंत्र (Skeleton System )
- कशेरुकी प्राणियों में कंकाल तंत्र अस्थि एवं उपास्थि का बना होता है|
- शरीर में स्थिति के आधार पर कंकाल दो प्रकार का होता है बाहा कंकाल एवं अंत कंकाल|
- बाहा कंकाल शरीर के बाहरी सतह पर पाया जाता है तथा इसकी उत्पत्ति त्वचा की डर्मिस (dermis ) अथवा एपिडर्मिस (Epidermis )से होती है| अतः बाहा कंकाल की उत्पत्ति ectoderm या mesoderm से होती है|
- बाहा कंकाल स्तनधारियों में दाँत. बाल, खुर नाखून, सिंग आदि के रूप में पाए जाते हैं |
- अंत कंकाल शरीर के अंदर पाया जाता है तथा इसकी उत्पत्ति dermis से होती है | अर्थात भ्रूणीय mesoderm की बनी होती है |
- वयस्क मानव का अंत कंकाल 206 अस्थियों का बना होता है |
- मनुष्य के शरीर में सबसे बड़ी अस्थि पैर की फीमर (femur) होती है |
*मनुष्य के शरीर में सबसे छोटी अस्थि कान की स्टेपल्स होती है | - मनुष्य में शिशु अवस्था में 300 अस्थियां पाई जाती है |
- स्थिति के आधार पर अंत कंकाल को दो भागों में बांटा जा सकता है
अक्षीय कंकाल (Axial skeleton)एवं उपांगीय कंकाल (Appendicular skeleton )
- अक्षीय कंकाल (Axial skeleton) skull, hyoid, vertibral coloumn, sternum तथा ribs से बना होता हैं |
- खोपड़ी (skull) 29 bones से मिलकर बना होता हैं | इसकी अस्थियाँ आपस में sutures से जुड़े होते हैं |
- मनुष्य के कशेरुक दंड में 26 कशेरुका पाई जाती है लेकिन प्रारंभिक अवस्था में इनकी संख्या 33 होती है |
- कशेरुक दंड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की कशेरूका पाई जाती हैं
- ग्रीवा कशेरुक (cervical vertebrae) -07
- वक्षीय कशेरुक (thoracic vertebrae)-12
- कटी कशेरुक (Lumber vertebrae) -05
- त्रिक कशेरुक (Sacral vertebrae) -05
- अनुत्रिक कशेरुक (Caudal vertebrae)-04
- कशेरुक दंड की पहली कशेरूका को एटलस कहते हैं |
- गर्दन में 7 कशेरुका पायी जाती हैं |
- मनुष्य में कुल 24 पसलियां पाई जाती है प्रथम 7 जोड़ी पसलियां वास्तविक पसलीया कहलाती है, इसके बाद की 3 जोड़ी मिथ्या पसलीया तथा अंतिम दो जोड़ी floting ribs कहलाती हैं |
- स्टर्नम तथा सभी पसलियां आपस में मिलकर एक पिंजरा बनाती है जिसे thoracic cage कहते हैं |
- उपांगीय कंकाल (Appendicular Skeleton)
*शरीर के दोनों पार्श्व में पाए जाने वाला कंकाल उपांगीय कंकाल कहलाता है यहां limb bones तथा girdle से मिलकर बना होता हैं | - मनुष्य के शरीर में दो अग्र भुजाएं होती है प्रत्येक अग्र भुजा 27 अस्थियों से मिलकर बना होता है |
Humerus
Radius
Alna
Carples
Metacarples
Phalanges - मनुष्य के शरीर में दो पक्षपात पाए जाते हैं जिनमें कुल 30 अस्थियाँ उपस्थित होती हैं –
Femur
Tebia
Fibula
Tarsal
Metatarsals
Phalanges
*अंस मेखला (Pectoral Girdle) कंधे में पायी जाती हैं humrus से जुड़ने के लिए इसमें glenoid cavity होती हैं | यह स्केपुला तथा क्लेविकल से मिलकर बनी होती हैं | - ग्लेनाइड कैविटी में humerus अस्थि जुड़ता है
- शोल्डर बोन स्कैपुला को कहा जाता है
- कॉलर बोन क्लेविकल को कहा जाता है
- श्रोणि मेखला पश्च पाद को साथ साधने वाली मेखला है इसमें एसिटेबुलम कैविटी पाई जाती है|
यह इलियम, ईश्चियम तथा प्युबिस से मिलकर बनी होती है | - एसिटेबुलम में पश्चपाद की femur फिट होती है |
अस्थि संधि (bone joint )
- वह स्थान जहां दो या दो से अधिक अस्थियां आपस में इस प्रकार जुड़ती है कि उनमें गति हो सके वह स्थान अस्थि संधि कहलाता है |
- अस्थि संधि (bone joint ) तीन प्रकार की होती है
पूर्ण या चल संधि
i. गेंद और प्याला संधि (Ball and Socket Joint)- जैसे अंश मेखला की ग्लीनॉइड गुहा तथा श्रोणी मेखला की ऐसीटाबुलम में क्रमश humerus तथा femur का सिर (head) जुड़ता है |
ii. कब्जा संधि (Hinge Joint) – इस प्रकार की संधि कोहनी संधि, घुटनों की संधि तथा कलाई की संधि तथा हाथ की अन्य अंगुलियों के बीच पायी जाती हैं |
iii. फिसलन संधि (Gliding Joint )- इस प्रकार की संधि कशेरुकी जंतु की कशेरुकाओं के प्री तथा पोस्ट जाएगोंपोफायसिस के बीच पाई जाती है |
iv. धुरी संधि – स्तनियो की दूसरी कशेरूका के odontoid process और atlus के बीच इसी प्रकार का जोड़ पाया जाता है|
v. सैंडल संधि (Pivot Joint ) – अंगूठे की कार्पल्स तथा मेटाकार्पल्स में इस प्रकार की अस्थि संधि पाई जाती है | - अपूर्ण संधि (Imperfect Joint)- इस प्रकार की अस्थि संधि में सीनोवियल संपुट और लिगामेंट्स नहीं पाई जाती हैं, अंश मेखला तथा श्रोणी मेखला की कुछ संधिया भी इसी प्रकार की होती हैं |
- अचल संधि (Fixed Joint )- हमारी खोपड़ी की अस्थियो में इस प्रकार का जॉइंट पाया जाता है |
अस्थि एवं उपास्थि से संबंधित विकार – (Disorders of Bones and Cartilage )
- जब संधि को मजबूती प्रदान करने वाले लिगामेंट्स या स्नायु आवश्यकता से अधिक खींच या मुड़ जाते हैं या टूट जाते हैं तो इस स्थिति को मोच (sprain ) आना कहते हैं |
- कभी-कभी संधि बनाने वाली उपाधियों पर उपास्थि निर्माण यासीन ओवीएल द्रव की कमी के कारण संधि में सूजन आ जाती है इस स्थिति को आर्थराइटिस (arthritis) बीमारी कहते हैं | यह स्थिति यूरिक अम्ल के क्रिस्टल के जमाव के कारण भी पैदा होती है |
- Slipped disc एक या एक से अधिक कशेरुक जब अपने वास्तविक स्थान से खिसक जाते हैं तो यह बीमारी उत्पन्न होती है |
- ऑस्टियोपोरोसिस में अस्थियांं कमजोर हो जाती है यह कैल्शियम तथा फास्फोरस के अस्थियों में अत्यधिक अवशोषण के कारण होता है |
- Gout एक प्रकार का अर्थराइटिस है यह रोग मुख्यता रुधिर में यूरिक अम्ल की सांद्रता बढ़ने के कारण होता हैं |
कंकाली पेशियां (Skeletal Muscles )
- मनुष्य के शरीर में अनेक प्रकार की पेशियां पाई जाती है जो कंकाली तंत्र से जुड़ी होती है तथा प्रचलन एवं गति में सहायता करती है इन पेशियों को कंकाली पेशियां कहते हैं |
- इन पेशियों की संख्या हमारे शरीर में लगभग 700 तक होती है |
- कंडरा (tendon) संधियों में अस्थियों को पेशियों से जोड़ता है |
- स्नायु( Ligaments) दो अस्थियों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है|
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- दांतों और हड्डियों की संरचना के लिए कैल्शियम एवं फास्फोरस आवश्यक तत्व हैं |
- Tibia नामक हड्डी पैर में पाई जाती है |
- शरीर में सबसे मजबूत हड्डी जबड़े की होती है|
One of the most important information for the point of view of the students.
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