Ecology and Its Branches (पारिस्थितिकी एवं उसकी शाखाएं )
Ecology and its Branches ( पारिस्थितिकी तथा उसकी शाखाएं ) के अंतर्गत पारिस्थितिकी की विभिन्न शाखाओं का अध्ययन इस लेख में किया जाएगा |
प्रकृति में कोई भी जीव स्वतंत्र रूप से अकेला नहीं रह सकता उसे जीवित रहने के लिए अपने जैविक तथा अजैविक घटकों से पारस्परिक क्रिया करनी होती है | अर्थात जीवों का उसके जैविक तथा अजैविक घटकों से पारस्परिक संबंध स्थापित होता है | इनका अध्ययन पारिस्थितिकी के अंतर्गत किया जाता है |
जीव के विभिन्न प्रकारों उसके कार्यों तथा विभिन्न पर्यावरणीय कारकों की पारस्परिक क्रिया का अध्ययन ही पारिस्थितिकी ( ECOLOGY ) कहलाता है |
ओडम ( Odum -1971) के अनुसार ” प्रकृति की संरचना एवं कार्यों का अध्ययन क्यों पारिस्थितिकी है|”
पारिस्थितिकी को वैज्ञानिक भाषा में इकोलॉजी ( Ecology ) कहा जाता है | इकोलॉजी का ओईकोलॉजी (Oekology ) के रूप में सर्वप्रथम रिटर (Reiter ,1968 ) द्वारा प्रयोग किया गया था |
Ecology शब्द ग्रीक भाषा के 2 शब्दों Oikos -Habitat अर्थात आवास तथा Logos – Study अध्ययन करना से मिलकर बना होता है | जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ” जीव तथा उसके आवास का अध्ययन |”
समस्त जैविक कारकों को दो विशेष श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है पादप समूह तथा जंतु समूह |
पादपों एवं उनके चारों तरफ उपस्थित वातावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन पादप पारिस्थितिकी ( Plant Ecology )कहलाता है इसी प्रकार जंतुओं एवं उनके चारों ओर उपस्थित वातावरण के बीच स्थित संबंधों का पारस्परिक अध्ययन जंतु पारिस्थितिकी (Animal Ecology) कहलाता है |
पादप पारिस्थितिकी (Plant Ecology ) तथा जंतु पारिस्थितिकी (Animal Ecology) को समेकित रूप से जैवपारिस्थितिकी (Bio-Ecology ) कह कर संबोधित किया जाता है |
पारिस्थितिकी एवं उसकी शाखाएं-
पारिस्थितिकी की मुख्य रूप से दो शाखाएं हैं
A. स्व पारिस्थितिकी (Auto-ecology )
B. संपारिस्थितिकी ( Syn ecology )
A. स्व पारिस्थितिकी (Auto-ecology ) –
पारिस्थितिकी विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत किसी विशेष जीव या उसकी जाति का उसके वातावरण से पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है स्व पारिस्थितिकी कहलाती है |
इसके अंतर्गत जीव या उसकी जाति का भौगोलिक वितरण ,संरचना , कार्यकी एवं जीवन चक्र पर पड़ने वाले विभिन्न वातावरणीय कारकों के प्रभाव एवं पारस्परिक संबंधों का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है |
B. संपारिस्थितिकी ( Syn-ecology ) –
पारिस्थितिकी विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत बहुत से जीवों या समुदाय का उसके पर्यावरण के साथ पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है |
इसकी अनेक उप शाखाएं हैं –
1. समुदाय पारिस्थितिकी ( Community Ecology ) –
इसके अंतर्गत समुदाय तथा उसके पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है |
2. जनसंख्या पारिस्थितिकी (Population Ecology )-
इसके अंतर्गत जनसंख्या तथा उसके पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है |
3. जीवोम पारिस्थितिकी ( Biome Ecology )-
इसके अंतर्गत जीवन तथा उसकी पर्यावरण की पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है |
4. पारिस्थितिक तंत्र पारिस्थितिकी (Ecosystem Ecology )
इसके अंतर्गत किसी पारिस्थितिक तंत्र तथा उसके पर्यावरण पर संबंधों का अध्ययन किया जाता है |
5.आवासीय पारिस्थितिकी (Habitat Ecology )-
- परिस्थितिकी विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पृथ्वी पर उपस्थित विभिन्न आवास स्थानों एवं विभिन्न जीवो पर उसके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है , आवासीय पारिस्थितिकी कहलाती है | आवास स्थान के आधार पर यह अनेक प्रकार की हो सकती है –
- स्थलीय पारिस्थितिकी
- समुद्री पारिस्थितिकी
- स्वच्छ जलीय पारिस्थितिकी
- दलदल पारिस्थितिकी
- वन पारिस्थितिकी
- घास भूमि पारिस्थितिकी
- मरुस्थलीय पारिस्थितिकी
- फसल भूमि पारिस्थितिकी
6. प्रदूषण पारिस्थितिकी (Pollution Ecology )-
पारिस्थितिक विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत सभी प्रकार के प्रदूषण एवं उनके प्रभाव तथा उसके रोकथाम के उपायों का अध्ययन किया जाता है |
7. अंतरिक्ष पारिस्थितिकी (Space Ecology ) –
पारिस्थितिक विज्ञान की यहां नई शाखा है जिसके अंतर्गत अंतरिक्ष में पारिस्थितिक तंत्र के विकास का अध्ययन किया जाता है |
8. भौगोलिक परिस्थितिकी (Geographic Ecology )-
इसे इकोजियोग्राफी (Ecogeography ) भी कहते हैं | इसके अंतर्गत पौधों एवं जंतुओं के भौगोलिक वितरण का अध्ययन किया जाता है |
9. विकिरण परिस्थितिकी (Rediation Ecology ) –
पारिस्थितिकी की इस शाखा के अंतर्गत पर्यावरण एवं जंतुओं पर विकिरणों एवं रेडियोएक्टिव पदार्थों के संपूर्ण प्रभावो का अध्ययन किया जाता है |
10. उत्पादन पारिस्थितिकी (Production Ecology ) –
पारिस्थितिकी विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत विभिन्न पारिस्थितिक तंत्र के सकल एवं शुद्ध उत्पादन का अध्ययन किया जाता है तथा अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए उनका समुचित प्रबंधन किया जाता है |
11. सिस्टम पारिस्थितिकी (System Ecology ) –
परिस्थिति विज्ञान की यहां आधुनिक शाखा है जिसके अंतर्गत गणितीय सूत्रों एवं मॉडलों के आधार पर पारिस्थितिकी निष्कर्षों का निष्पादन किया जाता है |
12. व्यवहारिक पारिस्थितिकी (Applied Ecology )-
पारिस्थितिकी विज्ञान की यह शाखा मानव आवश्यकता तथा पारिस्थितिकी को मिलाकर बनाई गई है | अर्थात पारिस्थितिकी की इस शाखा के अंतर्गत प्राकृतिक स्रोतों के दौरान उनके साथ कृषि वानिकी, मृदा अपरदन ,प्रदूषण नियंत्रण एवं वन्य जीवन संरक्षण आदि व्यावहारिक विज्ञानों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है |
13. पुरापारिस्थितिकी (Palaeo -Ecology )-
इस उप शाखा के अंतर्गत पारिस्थितिकी में जीवाश्म अथवा प्राचीन काल में उपस्थित जीवो के जीवन की विधि उनके परस्पर संबंधों , उनके वातावरण एवं उनकी मृत्यु के कारणों का अध्ययन किया जाता है |
14. संरक्षण पारिस्थितिकी (Conservation Ecology ) –
पारिस्थितिक विज्ञान की इस उप शाखा के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षणपूर्ण सदुपयोग का अध्ययन किया जाता है |
15. कोशिकीय पारिस्थितिकी ( Cyto Ecology ) –
इस उप शाखा के अंतर्गत किसी प्रजाति या जनसंख्या की कोशिकीय संरचना वातावरणीय उद्दीपकों के कारण कोशिका में प्रदर्शित होने वाले प्रभाव या लक्षणों का अध्ययन किया जाता है |
My Opinion –
इस लेख में हमने पारिस्थितिकी तथा उसकी उप शाखाओं के बारे में जाना | उम्मीद करुंगा कि यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगा | इसलिए इसमें सुधार की पर्याप्त गुंजाइश है अतः अपने सुधारात्मक सुझाव कमेंट बॉक्स में जरूरी लिखे | यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं तो आप हमारी वेबसाइट www.shivstudypoint.com पर भी विजिट कर सकते हैं |
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