Cell- Structure and Function ( short notes )

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Cell– Structure and Function ( short notes )

  •  सभी जीवो की आधारी रचना एवं क्रिया में समानता होती है , इस समानता को जीवन की एकता (Unity of Life ) कहते है |
  •  समस्त एक कोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जीव का शरीर कोशिकाओं का बना होता है |
  •  कोशिका में समस्त जैविक क्रियाएं जैसे- स्वसन, प्रकाश संश्लेषण, उत्सर्जन ,पाचन , पोषण आदि  संपन्न होती है |
  •  जीवों  में जैविक गतिविधियां जैसे – गति ,प्रजनन, वृद्धि आदि का संचालन इन्हीं कोशिकाओं का प्रतिफल है |
  • कोशिका जीवों की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई (Structural and Functional unit of Life ) है |
  •  एक कोशिकीय जीव में समस्त जैविक क्रिया  एक ही कोशिका के अंदर संपन्न होती है जबकि बहुकोशिकीय जीवों में उच्च श्रेणी का कोशिकीय श्रम विभाजन (Cellular division of labour )पाया जाता है |
  • plant_cell
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  • लूवी तथा सिकेविट्स 1963 के अनुसार ” कोशिका पारगम्य झिल्ली से घिरी हुई जैविक क्रियाओं की ऐसी इकाई  है जो जीवित तंत्रों से मुक्त माध्यम में स्वयं प्रजनन कर सकती है |
  • कोशिका तथा उसकी अवयवों का अध्ययन कोशिका जीवविज्ञान (cytology) या cell biology के अंतर्गत किया जाता है | कोशिका के अध्ययन करने वाली  जीव विज्ञान की शाखा को कोशिका जीव विज्ञान  भी कहते है |
  • जीव विज्ञान की शाखा की अन्य प्रमुख शाखा है-

            1. साइटोजेनेटिक्स (Cytogenetics )

            2. साइटोटैक्सनॉमी (Cytotaxonomy )

            3. साइटोइकोलॉजी (Cytoecology)

            4. साइटोपैथोलॉजी (Cytopathology )

            5. कोशिका कार्यिकी (Cell physiology)

            6. कोशिका रसायन विज्ञान (Cytochemistry)

  • श्वान को कोशिका विज्ञान के जनक के रूप में जाना जाता है |
  • 1590 में जैकेरियस जैक्सन ने सर्वप्रथम सूक्ष्मदर्शी की खोज की थी |
  • रॉबर्ट हुक ने सर्वप्रथम माइक्रोस्कोप की सहायता से 1665 में छाल की कोशिकाओं को देखा था
  • ल्यूवेन हॉक ने 1675 में जीवित कोशिकाओं को सर्वप्रथम देखा था |
  •  ल्यूवेन हॉक  को सूक्ष्मजैविकी का पिता भी कहा जाता है | |
  •  कोशिका अर्थात Cell शब्द का प्रथम प्रयोग रॉबर्ट हुक द्वारा किया गया | 
  • रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज का श्रेय तो जाता है लेकिन इन्होंने सही मायने में कोशिका भित्ति को खोजा था |

 

  • रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज का श्रेय तो जाता है लेकिन इन्होंने सही मायने में कोशिका भित्ति को खोजा थ

 

 

animal cell
animal cell

 

  • किसी एक कोशिका से संपूर्ण बहुकोशिकीय जीव के निर्माण होने की क्रिया पूर्णशक्तता अर्थात टोटीपोटेंसी के नाम से जानी जाती है | तथा इस प्रकार की कोशिका को टोटीपोटेंट कहते हैं |

 

 

  • ग्रीव (1682) ने पहली बार माना की कोशिका जीव के शरीर की संरचनात्मक इकाई होती है |

 

 

  • डुजार्डिन 1835 में कोशिका के अंदर semi liquid पदार्थ की उपस्थिति का पता लगाया तथा उसके लिए सार्कोड शब्द का इस्तेमाल किया |

 

 

  • पुर्किंजे ने पदार्थ के लिए प्रोटोप्लाज्म शब्द का इस्तेमाल किया |

 

 

  • हक्सले के द्वारा protoplasm  को जीवन का भौतिक आधार कहा गया |

 

 

  • ड्यूट्रोचैट ने acid में उत्तक को उबालकर उससे स्वतंत्र रूप में कोशिकाओं को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की |

 

 

  • ड्यूटोचैट 1824 ने कोशिका सिद्धांत की अवधारणा को प्रस्तुत किया |

 

 

  • श्लाइडेन तथा श्वान ने 1839 में कोशिका सिद्धांत को संयुक्त रूप से प्रतिपादित किया , इस सिद्धांत के अनुसार-

 

 

     1.कोशिकाएं जीवित होती है तथा सभी जीव कोशिकाओं के बने होते हैं

           2. एक कोशिकाएं पूर्वर्ती कोशिकाओं से विभाजन द्वारा बनती है |

           3. कोशिकाएं अनुवांशिक एकक  होती है

  • रुडोल्फ विरचौ 1858 का मानना था कि कोशिकाएं पहले से ही उपस्थित कोशिकाओं से बनती है |

 

  • कोशिकाएं मुख्यता दो प्रकार की होती है प्रोकैरियोटिक कोशिका तथा यूकेरियोटिक कोशिका

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक झिल्ली तथा सुसंगठित केंद्रक का अभाव होता है विभिन्न कोशिकांग अनुपस्थित होते | 70 s राइबोसोम उपस्थित होता है |

 

 

  • प्राकृतिक कोशिका में अनुवांशिक पदार्थ डीएनए नग्न एवं वृत्तीय  होता है |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका के चारों ओर कोशिका आवरण पाया जाता है जो मुख्यतः तीन परतों की बनी होती है सब से बाहर की ओर ग्लाइकोकेलिक्स , मध्य कोशिका भित्ति और आंतरिक प्लाज्मा झिल्ली |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका में मीसोसोम पाया जाता है जो यूकेरियोटिक कोशिका के माइटोकांड्रिया से  समानता रखता है जो स्वसन,nucleoid ,replication आदि में सहायक होते हैं |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका में वर्णकीय लवक  पाए जाते हैं जो प्रकाश संश्लेषी  होते हैं |

 

  • राइबोसोम पाया जाता है जो 70s (50s + 30s) का बना होता है |
  • पादप कोशिका में प्लाज्मा झिल्ली के बाहर की ओर सैलूलोज की बनी कोशिका भित्ति अनिवार्यता उपस्थित होती है |
  • ड्यू टो चैट 1824 ने कोशिका सिद्धांत की अवधारणा को प्रस्तुत किया |

 

  • ड्यू टो चैट 1824 ने कोशिका सिद्धांत की अवधारणा को प्रस्तुत किया |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका के चारों ओर कोशिका आवरण पाया जाता है जो मुख्यतः तीन परतों की बनी होती है सब से बाहर की ओर ग्लाइकोकेलिक्स , मध्य कोशिका भित्ति और आंतरिक प्लाज्मा झिल्ली |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका में मीसोसोम पाया जाता है जो यूकेरियोटिक कोशिका के माइटोकांड्रिया से  समानता रखता है जो स्वसन,nucleoid ,replication आदि में सहायक होते हैं |

 

 

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका में वर्णकीय लवक  पाए जाते हैं जो प्रकाश संश्लेषी  होते हैं |

 

  • राइबोसोम पाया जाता है जो 70s (50s + 30s) का बना होता है |

 

  • पादप कोशिका में प्लाज्मा झिल्ली के बाहर की ओर सैलूलोज की बनी कोशिका भित्ति अनिवार्यता उपस्थित होती है |

 

 

  • ड्यू टो चैट 1824 ने कोशिका सिद्धांत की अवधारणा को प्रस्तुत किया |

 

 

  • रॉबर्ट ब्राउन ने ट्रेड सेंशिया कथा ऑर्किड  की मूल की कोशिकाओं में केन्द्रक को खोजा |

 

 

  • जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति तथा प्लास्टिड  का अभाव होता है |

 

 

  • उत्तक संवर्धन एक ऐसी तकनीक है जिसके अंतर्गत कोशिका या कोशिकाओं के समूह को शरीर से बाहर कृत्रिम भोज्य पदार्थों के माध्यम में जीवित रखा जाता है |

 

 

  • जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति तथा प्लास्टिड  का अभाव होता है |

 

 

  •  उत्तक संवर्धन एक ऐसी तकनीक है जिसके अंतर्गत कोशिका या कोशिकाओं के समूह को शरीर से बाहर कृत्रिम भोज्य पदार्थों के माध्यम में जीवित रखा जाता है |

 

 

  • जीवित कोशिका एक कोष्ठ है जो प्लाज्मा झिल्ली से घिरी रहती है इस कोशिका के अंदर भी  इसी के समान प्लाज्मा झिल्ली से घिरे अनेक कोष्ठ पाए जाते हैं जिन्हें कोशिकांग कहते है | ये  कोशिकांग प्रोकैरियोटिक कोशिका में नहीं पाए जाते है |

 

 

  • शरीर के बाहर जाएगोट के अलावा किसी दूसरी कोशिका से विकसित भ्रूण  को एम्ब्रीओड्स  कहते हैं |

 

 

 

  • P. P.L.O. जैसे – माइकोप्लाजमा गैलिसेप्टिकम तथा माइकोप्लाजमा होमीनीस सबसे छोटे कोशिकीय जीव माने जाते हैं |

 

 

  • कोशिका विभेदीकरण वहां तकनीक है जिसके द्वारा कोशिकीय घटको को अलग किया जाता है |

 

 

  • Erythrocytes मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका है इसका व्यास 6-8 म्यू होता है  |

 

 

  • राइबोसोम ,सैंटरोसोम ,सेंट्रियोल  केंद्रीका आदि कोशिका अंगको में आवरण झिल्लियों का अभाव होता है |

 

 

  • एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम , गॉल्गीबॉडी , रिक्तिका ,लाइसोसोम ,पराक्सीसोम आदि में एकल झिल्ली  का बाहरी आवरण पाया जाता है

 

 

  • लवको  (ल्यूकोप्लास्ट , क्लोरोप्लास्ट, क्रोमोप्लास्ट ) और माइटोकांड्रिया में दोहरी झिल्ली का आवरण पाया जाता है |

 

  • सेलुलोज या उसके रूपांतरित पदार्थ की बनी कोशिका भित्ति पादप कोशिका की पहचान है
  • प्रोकैरियोटिक कोशिका की कोशिका भित्ति म्यूकोपेप्टाइड की बनी होती है |
  •  प्रायः पादप कोशिकाओं में सैंटरोसोम नहीं पाए जाते है |
  •  सभी जीव कोशिकाओं के बने होते हैं |
  •  कोशिकाएं पूर्वर्ती कोशिकाओं के विभाजन से बनती है |
  •  सभी कोशिकाओं के चारों तरफ प्रोटीन तथा लिपिड की बनी एक झिल्ली पाई जाती है जिसे प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं |
  •  प्लाज्मा झिल्ली कोशिका का बाह्य आवरण  बनाती है |
  •  प्लाज्मा झिल्ली विभेदकीय  पारगम्यता को प्रदर्शित करती है |
  • प्रत्येक कोशिका के चारों तरफ प्लाज्मा झिल्ली पाई जाती है |
  •  रासायनिक दृष्टि से प्लाज्मा झिल्ली प्रोटीन तथा फॉस्फोलिपिड की बनी होती है लेकिन इसमें अल्प मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की पाया जाता है |
  • कोशिका में वृहद अणुओं का कोशिका में प्रवेश इंडोसाइटोसिस तथा निष्कासन एक्सोसाइटोसिस के द्वारा होता है |
  •  सिंगर तथा निकोलसन ने सन 1972 में प्लाज्मा झिल्ली की संरचना को दर्शाने हेतु फ्लुएड मोजैक मॉडल प्रस्तुत किया था |
  •  लाइसोसोम को आत्महत्या करने वाली थैलियां भी कहते हैं क्योंकि यह अपनी कोशिका की कोशिका अंगों का भी भक्षण करते है |

 

  •  एक माइटोकांड्रिया का जीवनकाल 5 से 10 दिन का होता है |

 

 

  • सीलिया ,फ्लेजिला और सूक्ष्म मलिकाएं मुख्यत :  ट्यूबुलीन प्रोटीन की बनी होती है | 

 

 

  1. प्रायः पादप कोशिकाओं में सैंटरोसोम नहीं पाए जाते है | 

 

 

  • सभी जीव कोशिकाओं के बने होते हैं | 

 

 

  • कोशिकाएं पूर्वर्ती कोशिकाओं के विभाजन से बनती है | 

 

 

  • सभी कोशिकाओं के चारों तरफ प्रोटीन तथा लिपिड की बनी एक झिल्ली पाई जाती है जिसे प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं | प्लाज्मा झिल्ली कोशिका का बाह्य आवरण  बनाती है | प्लाज्मा झिल्ली विभेदकीय  पारगम्यता को प्रदर्शित करती है |

 

 

  • प्रत्येक कोशिका के चारों तरफ प्लाज्मा झिल्ली पाई जाती है | रासायनिक दृष्टि से प्लाज्मा झिल्ली प्रोटीन तथा फॉस्फोलिपिड की बनी होती है लेकिन इसमें अल्प मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की पाया जाता है |

 

 

  • कोशिका में वृहद अणुओं का कोशिका में प्रवेश इंडोसाइटोसिस तथा निष्कासन एक्सोसाइटोसिस के द्वारा होता है | 

 

 

  • सिंगर तथा निकोलसन ने सन 1972 में प्लाज्मा झिल्ली की संरचना को दर्शाने हेतु फ्लुएड मोजैक मॉडल प्रस्तुत किया था | 

 

 

  • |क्लोरोप्लास्ट और माइटोकांड्रिया को स्व नियंत्रित इकाइयां भी कहते हैं क्योंकि इनमें अपना RNA एवं DNA पाया जाता है जो स्वयं की प्रोटीन बनाता है और ये  पूर्व के कोशिका अंगों से बनते है  | 

 

 

  • यकृत कोशिका में लगभग 500 से 1000 माइट्रोकांड्रिया ,रेखित पेशियों में कई हजार ,कई  अण्ड  कोशिकाओं में लगभग 30,000 तक माइट्रोकांड्रिया पाए जाते हैं |

 

 

  • पादप कोशिकाओं में जंतुओं के अपेक्षा कम माइटोकांड्रिया पाए जाते है |

 

 

  • जंतु कोशिका में ग्लायऑक्सीसोम्स  नहीं पाए जाते है |

 

 

  • सभी जंतु कोशिका में लाइसोसोम पाए जाते हैं कम ही पादप कोशिकाओं में लाइसोसोम पाए जाते हैं 

 

 

  • गुणसूत्रों के अतिरिक्त कोशिका के सभी गुणसूत्र ऑटोसोम कहलाते है |

 

 

  • पादप कोशिकाओं में जंतुओं के अपेक्षा कम माइटोकांड्रिया पाए जाते है |केंद्रका का क्रोमेटिंन ही व्यवस्थित होकर गुणसूत्र बनाता है |

 

READ CAREFULLY AND GIVE ANSWER

  1. WHERE IS LYSOSOME FOUND ?
  2. WHAT IS FUNCTION OF RIBOSOME ?
  3. WHO GIVEN FLUID MOSAIC MODEL ?
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