Subphylum-Vertebrata
Subphylum-Vertebrata के अंतर्गत आने वाले जंतुओं में कपाल के अंदर मस्तिष्क का होना इस समूह के जंतुओं का महत्वपूर्ण लक्षण होता है तथा इनमें तंत्रिका रज्जू का शीर्षस्थ भाग मस्तिष्क का निर्माण करता है | नोटोकार्ड के स्थान पर कशेरुक दंड (vertebral column ) बनता है जिसके कारण ही इस समूह के जंतु कशेरुक (vertebrata ) कहलाते हैं |
सभी का डेट समूह के प्राणियों में सबसे बड़ा Subphylum है जिसमें लगभग उन 50,000 प्राणियों में कशेरुक दंड पाया जाता है जिसमें से 40, 000 जातियां जीवित हैं तथा शेष प्राणी विलुप्त हो चुके है | इसमें आदिम जबडो विहीन मछलियों से लेकर अधिक विकसित जटिल स्तनी प्राणियों तक पाए जाते हैं |
Chatecters of Subphylum Vertebrata :-
- निम्न श्रेणी के प्राणी जलीय एवं उच्च श्रेणी के कशेरुक प्राणी स्थलीय होते हैं |
- इसके अंतर्गत आने वाले प्राणी माध्यम से बड़े आकार के, द्विपार्श्व सममित तथा वास्तविक विखंडावस्था वाले होते हैं |
- शरीर स्पष्ट रूप से सिर, धड़ एवं पश्च गुदा पूँछ में विभाजित होता है |
- धड़ में सामान्यता: 2 जोड़ी युग्मित उपांग पंख या पाद उपस्थित होता है ( कुछ नहीं यह अनुपस्थित या हासित होते है ) जो कि शरीर को साधने, प्रचलन एवं अन्य विशिष्ट कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं |
- त्वचा में बाहरी स्तर एपिडर्मिस एवं आंतरिक स्तर डर्मिस उपस्थित होता है |
- एपिडर्मिस पर शल्को (scales ), पिच्छों (feathers )या बालों (hairs )का बाह्य कंकाल होता है जलीय कशेरुक प्राणियों की त्वचा में श्लेष्म ग्रंथियां पाई जाती है |
- भ्रूण अवस्था में नोटोकार्ड पाई जाती है जो कि वह प्राणियों में कशेरुक दंड में परिवर्तित हो जाती है |
- प्राणियों में संयुक्त अंतः कंकाल अस्थि या उपास्थि का बना होता है जिसमें खोपड़ी (skull ), कशेरुक दण्ड (vertebral column ), मेखला (girdles) एवं पाद अस्थियाँ (Limb bones ) पायी जाती है |
- अंता कंकाल से जुड़ी पेशियों द्वारा अंगों की गति एवं गमन होता है |
- देहगुहा (Coelom ) बड़ी, schizocoelic विकसित, इसमें सभी आंतरिक अंग स्थित रहते हैं |
- कशेरुक दंड के नीचे विकसित आहार नाल और इससे जुड़ी यकृत एवं अग्नाशय नामक बड़ी पाचन ग्रंथियां पाई जाती है |
- 12.ग्रसनी क्लोम दरारे (pharyangeal gill slits ) संख्या में 7 जोड़ी से अधिक नहीं होती है | (अपवाद – Cyclostome )
- श्वसन (Respiration ) की क्रिया जलीय कशेरुक प्राणियों में गिल्स के द्वारा तथा स्थलीय कशेरुक प्राणियों में फेफड़ों द्वारा होता है |
- रक्त परिवहन तंत्र बंद प्रकार का होता है |
- हृदय अधारताल पर पाया जाता है तथा यह दो, तीन या चार कक्षों का बना हो सकता है | रक्त प्लाज्मा में दोनों श्वेत एवं लाल कणिकाएं होती है लाल रक्त कणिकाओं में श्वसन वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है |
- उत्सर्जन की क्रिया जोड़ीदार वृक्कों (kidney ) द्वारा होती है |
- वृक्क (Kidney ) मेसोनेफ्रिक अथवा मेटानेफ्रिक प्रकार के होते हैं |
- नर्वकार्ड का अग्र सिरा मस्तिष्क में विभेदित होता है जो कि skull मे बंद रहता है शेष भाग स्पाइनल कॉर्ड को बनाता है जो कशेरुक दंड में स्थित होती है |
- 10-12 जोड़ी क्रेनियल तंत्रिका उपस्थित होती है | ( साइक्लोस्टॉम्स को छोड़कर )
- विशिष्ट संवेदी अंग नेत्र, कान के रूप में पाए जाते हैं |
- शरीर के विभिन्न भागों में अंतः स्रावी ग्रंथियां स्थित होती है जो शरीर की क्रियाओं, वृद्धि एवं प्रजनन को नियंत्रित करती है |
- नर एवं मादा प्रजनन अंग प्रथक प्रथक प्राणियों में पाए जाते हैं |
- परिवर्तन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है |
कॉर्डेटा का वर्गीकरण (Classification of Sub-Phylum Vertebrata )
Subphylum – Vertebrata
Group A. – Agnatha
Group B. – Gnathostomata
Super Class 1. – मत्स्य (Pisces )
Super Class 2. – चतुष्पादी (Tetrapoda )
( i.) Class – उभयचर (Amphibia )
( ii.)Class – सरीसृप (Reptilia )
( iii.)Class- पक्षी (Aves )
( iv.)Class – स्तनी (Mammalia )
References – BIOLOGY CLASS -11TH
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