प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को Food and Agriculture Organisation of the United Nation के तत्वाधान में विश्व के सभी भागों में World Soil Day (विश्व मृदा दिवस) मनाया जाता है | इस वर्ष की थीम ” Keep soil alive, Protect soil biodiversity “ हैं | मृदा वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि विश्व की जनसंख्या वृद्धि के साथ मृदा तथा खेती योग्य भूमि का संरक्षण कैसे किया जाए | इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष की थीम “भूमि के नीचे कार्य करने वाले सूक्ष्म बैक्टीरिया से लेकर मिलीपीड़ तथा केंचुए सहित उन सभी जीवो की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने का है जो विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं के दौरान मिट्टी का निर्माण तथा मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हैं |”
Aim of World Soil Day ( विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य):-
विश्व के अनेक भागों में मानवीय गतिविधियों के कारण जैसे बढ़ता जनसंख्या दबाव, अत्यधिक कृषि कार्य, कृषि कार्यों में बढ़ते हुए रासायनिक खादों और पेस्टिसाइड का उपयोग तथा प्राकृतिक गतिविधियों के कारण विश्व के अनेक भागों में मृदा बंजर होती जा रही है तथा मृदा के जैविक गुणों में होने के वाले हास् के कारण मृदा की उपजाऊ क्षमता दिनों दिन कम होते जा रही है | इन्हीं सब कारणों को ध्यान में रखते हुए किसानों के साथ-साथ आम जनों को मिट्टी की सुरक्षा के लिए जागरूक बनाया जाना आवश्यक है | अर्थात विश्व मृदा दिवस को मनाया जाने का उद्देश्य मिट्टी की महत्ता के बारे में सभी को जागरूक करना है |
विश्व मृदा दिवस का प्रारंभ :-
विश्व मृदा दिवस को प्रारंभ करने में थाईलैंड के राजा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है| विधिवत रूप से सन 2002 में अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी | खाद्य और कृषि संगठन ने भी विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरूकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में थाईलैंड के नेतृत्व में समर्थन दिया था | F.A.O. के सम्मेलन में सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया गया और 48 वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया गया, इसके बाद दिसंबर 2013 में 68 वे सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की पहला विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर 2014 को मनाया गया तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है |
What is SOIL :-
मृदा कार्बनिक पदार्थों, खनिज पदार्थों, गैस, द्रव तथा सूक्ष्मजीवों का मिश्रण है, जो जीवन को आधार प्रदान करती है |
नेता शब्द का उद्गम लैटिन भाषा के solum शब्द से हुआ है जिसका अर्थ मिट्टी से है, जिसमें पौधे उग सकते हैं | मृदा पृथ्वी का ऊपरी स्तर है जो खनिज पदार्थों तथा कार्बनिक पदार्थों से युक्त होता है| पौधे एवं जंतुओं के लिए यह एक प्राकृतिक आवास है |
मृदा का अध्ययन मृदा विज्ञान (soil science) के अंतर्गत किया जाता है | इसकी दो प्रमुख शाखाएं हैं-
Pedology– इसके अंतर्गत मृदा की संरचना उसका वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है |
Edephology – इसके अंतर्गत मृदा का सूक्ष्मजीवों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है |
Soil क्यों जरूरी है?
- मृदा पादप वृद्धि के लिए माध्यम है |
- मृदा के द्वारा पानी का संग्रहण आपूर्ति तथा purification किया जाता है |
- पृथ्वी के वातावरण को परिवर्तित करने का माध्यम है |
- सूक्ष्म जीवों का आवास स्थल है |
- कृषि कार्यों के लिए उपयोगी है जिससे कि मानव को भोजन की आपूर्ति होती है |
- यह एक जटिल जैव भौतिकी तंत्र है जो पादपों के लिए ऑक्सीजन, पोषण, जल तथा आलंबन प्रदान करती है |
मृदा के नष्ट होने के कारण :-
- मृदा के नष्ट होने का मुख्य कारण मानवीय गतिविधि है |
- अत्यधिक पशु चारण
- मृदा में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों का नष्ट होना
- वनों की कटाई
- कृषि में अत्यधिक रासायनिक खादों का उपयोग
- प्राकृतिक कारण जैसे हवा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि आदि |
- मृदा अपरदन का होना एक महत्वपूर्ण कारण है |
मृदा को बचाए रखने के लिए क्या करें?
- रासायनिक खादों का कम से कम उपयोग
- मृदा में सूक्ष्मजीवों की मात्रा को बढ़ाया जाना
- वनों की कटाई, अत्यधिक चारण को रोकना
- मृदा के ऊपर अत्यधिक मानव दबाव को कम करना है |
- वृक्षारोपण को बढ़ावा देना
- कृषि के लिए रूपांतरित या हेरफेर वाली फसलों को बोना |
- मृदा में humous की मात्रा को बढ़ाना |
सारांश –
उम्मीद करूंगा यह आलेख आपको पसंद आया होगा आप सभी मृदा संरक्षण में अपना योगदान दें ताकि मृदा की bio-diversity को बचाया जा सके |