सूर्य ग्रहण (Solar Escape )

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सूर्य ग्रहण क्या है :-

जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है, तब ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है | या  यह कह सकते हैं चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है जिससे पृथ्वी पर एक व्यक्ति के लिए सूर्य की छवि पूरी तरह से या आंशिक रूप से अस्पष्ट हो जाती है सूर्य ग्रहण कहलाता हैं |
सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है |

सूर्य ग्रहण कितने प्रकार का होता है?
   

एक वर्ष में अधिकतम 2 सूर्य ग्रहण जरूर आते हैं।  सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर घटित होता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण |

वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या होता है? :-

वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चाँद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है। नतीजतन उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले। वलयाकार सूर्यग्रहण में चाँद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है। तब सूर्य कंगन की तरह चमकता हुआ दिखाई देता है। इस खगोलीय घटना को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। 


क्या सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता हैं?


सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से देखने की सलाह नहीं दी जाती। दरअसल, सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक सोलर रेडिएशन निकलते हैं जिससे कि आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते हैं और आंखों को जबरदस्त नुकसान पहुंच सकता है। सूर्यग्रहण के वक्‍त निकलने वाली हानिकारक किरणें आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बता दें कि सूर्य को सीधे देखने से आंखों के रेटिना को स्थायी नुकसान हो सकता है |
विशेषज्ञों के मुताबिक  सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष चश्मे, वेल्डर की ढाल या पिन-होल इमेजिंग तकनीक, सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस  का उपयोग करने की सिफारिश की जाती है। कई बार लोग फोटो की नेगेटिव का भी इस्तेमाल करते हैं साथ ही कई बार थाली में पानी रखकर भी सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है |

21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण कैसा है?

21 जून को  वलयाकार सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। खास बात ये खगोलीय घटना साल के सबसे बड़े दिन और सबसे छोटी रात को होने जा रही है। भारत के कुछ हिस्सों में लोग सूर्य ग्रहण के दौरान ‘रिंग ऑफ फायर’ देख सकेंगे, हालांकि, देश के अधिकांश हिस्सों में सूर्य ग्रहण का आंशिक रूप देखने को मिलेगा।

सूर्य ग्रहण का समय :-

भारत में सूर्यग्रहण भारतीय समय अनुसार सुबह 10:15 a.m. से शुरू होगा जो दोपहर 3:04 p.m.तक चलेगा | यह एक लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण है | जिसका कुल समय लगभग 6 घंटे से भी ज्यादा होगा |

क्या सूर्य ग्रहण नुकसानदेह होता? :-

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो फिर को नग्न आंखों के द्वारा देखने से ही नुकसान होता है अतः सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से बचा जाना चाहिए |
यदि ज्योतिषी दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण हमेशा नुकसानदेह होता इस दौरान बहुत से कार्य वर्जित है मंदिरों के द्वार बंद हो जाते हैं तथा पूजा कार्य इस दौरान बंद होते |

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2 COMMENTS

  1. शानदार जानकारियां…. आप अपने नजरिये को यूं ही प्रसारित करते रहे …..keep it up sir👍

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